अध्ययन में बताया गया कि भारत समेत एशिया के अन्य देशों में समय के साथ प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बढ़ती जागरूकता और प्रभावी निदान के बावजूद, प्रोस्टेट कैंसर से मृत्यु दर 13.9 प्रतिशत तक बढ़ गई है। यह दर्शाता है कि इस नई तकनीक से निदान में तेजी लाकर मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है।