कुकरैल रिवरफ्रंट : गिराए जाएंगे एक हजार मकान, लोग बोले- रजिस्ट्री-दाखिल खारिज के बाद निर्माण अवैध कैसे?

UPT | स्थानीय लोगों ने किया विरोध।

Jul 11, 2024 18:03

कुकरैल रिवरफ्रंट क्षेत्र में स्थित रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थनगर, पंतनगर, और अबरारनगर में लगभग एक हजार मकान इस कार्रवाई के तहत आएंगे। वन विभाग की जमीन पर स्थित लगभग 2 किलोमीटर लंबी पट्टी में सिंचाई विभाग का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।

Short Highlights
  • सिंचाई विभाग का सर्वे पूरा
  • निवासियों ने संघर्ष समिति का किया गठन
Lucknow News : राजधानी में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। लखनऊ के कुकरैल रिवरफ्रंट क्षेत्र में स्थित रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थनगर, पंतनगर और अबरारनगर में लगभग एक हजार मकान इस कार्रवाई के तहत आएंगे। वन विभाग की जमीन पर स्थित लगभग दो किलोमीटर लंबी पट्टी में सिंचाई विभाग का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है। इन मकानों को चिह्नित कर उन पर लाल निशान लगाए गए हैं। अब इन  चिह्नित मकानों पर बुलडोजर चलाए जाएंगे। अवैध मकानों के मालिकों का विवरण लखनऊ विकास प्राधिकरण दर्ज करेगा।

दो किलोमीटर दायरे में आने वाले मकान टूटेंगे 
गुरुवार को सर्वे करने पहुंची टीम के सदस्यों ने बताया कि अकबरनगर के बाद अब रहीमनगर में कुकरैल नदी के 50 मीटर के दायरे में बायीं ओर स्थित सभी मकान तोड़े जाएंगे। नदी के किनारे-किनारे दो किलोमीटर के क्षेत्र में यह कार्रवाई की जाएगी। टीम का अनुमान है कि इस प्रक्रिया में लगभग 1000 मकान प्रभावित होंगे।

सर्वे के लिए पांच टीमें बनाई   
सिंचाई विभाग का सर्वे पूरा होने के बाद गुरुवार से एलडीए की टीम ने अवैध निर्माण वाले मकानों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। इस सर्वे के दौरान प्रत्येक मकान के मालिक और उनके परिवार के सदस्यों का विस्तृत विवरण दर्ज किया जा रहा है। इस काम के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। टीम में प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी भी शामिल हैं। सर्वेक्षण के पूरा होने के बाद एलडीए अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस जारी करेगा। नोटिस में दी गई समयावधि तक अवैध निर्माण को स्वयं न हटाने पर एलडीए उन निर्माणों को ध्वस्त करेगा।

लोगों ने कहा-नहीं तोड़ने देंगे मकान
रहीमनगर, खुर्रमनगर, इंद्रप्रस्थनगर, पंतनगर, और अबरारनगर में मकानों पर लाल निशान लगाए जाने के खिलाफ वहां के निवासी एकजुट हो गए हैं। स्थानीय निवासियों ने कहा कि जिस जमीन पर उनके मकान बने हैं, उसकी रजिस्ट्री और दाखिल खारिज कराई है, तो फिर उनके मकान अवैध कैसे हो सकते हैं? उन्होंने एक संघर्ष समिति का गठन किया है। संघर्ष समिति की बैठक में निर्णय किया गया कि वे अपनी लड़ाई को मजबूती से लड़ेंगे और अपने मकानों को टूटने नहीं देंगे। 

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