वन विभाग को चकमा देकर भागा बाघ : पिंजरे में बंधा चारा खाकर हो गया रफूचक्कर, देखते रह गए अधिकारी

UPT | यह मेटा एआई द्वारा जनरेट की गई सांकेतिक तस्वीर है

Sep 14, 2024 15:51

वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाया था, लेकिन बाघ पिंजरे में कैद होने के बजाय उसके पास बंधी बकरी और भैंस के पाड़े को खाकर भाग गया।

Short Highlights
  • वन विभाग को चकमा देकर भागा बाघ
  • पिंजरे में बंधा चारा खाकर रफूचक्कर
  • देखते रह गए अधिकारी
Lakhimpur Kheri News : लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी वन रेंज में आदमखोर बाघ को पकड़ने के प्रयास अब तक सफल नहीं हो पाए हैं। हाल ही में वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाया था, लेकिन बाघ पिंजरे में कैद होने के बजाय उसके पास बंधी बकरी और भैंस के पाड़े को खाकर भाग गया। बाघ की इस चालाकी ने वन विभाग की योजना को एक बार फिर विफल कर दिया। अब वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं और बाघ की निगरानी के लिए विशेष टीमों को तैनात किया गया है। अधिकारियों का मानना है कि बाघ जल्द ही इस इलाके में लौटेगा, जिससे उसकी ट्रेंकुलाइज करने की संभावना बढ़ जाएगी।

ग्रामीणों में दहशत
मोहम्मदी वन रेंज में आदमखोर बाघ के हमलों से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। बाघ ने 15 दिनों के भीतर दो ग्रामीणों को अपना शिकार बना लिया है, जिसमें 27 अगस्त को इमलिया गांव के अमरीश और 11 सितंबर को मूड़ा अस्सी गांव के जाकिर शामिल हैं। बाघ की भूख और शिकार की आदतें इस कदर बढ़ गई हैं कि उसने हाल ही में बकरी और पाड़े को भी अपना निशाना बनाया, हालांकि वह इन्हें पूरा खा नहीं सका। वन विभाग ने ग्रामीणों को चेतावनी दी है कि वे अकेले खेतों में न जाएं और क्षेत्र में जगह-जगह पोस्टर भी चिपकाए गए हैं ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके।

दिल्ली से बुलाए गए विशेषज्ञ
वन विभाग की टीम ने बाघ की लोकेशन को ट्रेस कर लिया है और चिह्नित क्षेत्र को आइसोलेट कर दिया है। बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और ग्रामीणों के आवागमन को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय किए गए हैं। इस अभियान में कानपुर चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक, गोरखपुर के विशेषज्ञ डॉक्टर और दिल्ली से भी विशेषज्ञ बुलाए गए हैं। विभाग ने बाघ की गतिविधियों की निगरानी के लिए तीन और पड्डे और बकरियां भी बांधी हैं। हालांकि, बाघ लगातार चकमा देकर बच रहा है।

पिंजरे के पास फिर बांधा गया चारा
महेशपुर वन रेंज में आदमखोर बाघ ने हाल ही में एक गाय को अपना शिकार बनाया, जिससे क्षेत्र में स्थिति और भी गंभीर हो गई है। वन विभाग द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन टाइगर के बावजूद, बाघ के खिलाफ अभी तक कोई निर्णायक सफलता नहीं मिली है। बाघ की चहलकदमी के चलते क्षेत्र में विशेष निगरानी रखी जा रही है और वन विभाग के कर्मचारी किसानों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। बाघ की इस गतिविधि ने ग्रामीणों की खेती-किसानी को भी प्रभावित किया है, जिससे स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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