14 साल से तरल आहार बना मजबूरी : चिकित्सकों ने सर्जरी से खोला बंद जबड़ा, अब ठोस भोजन खा सकेगा युवक

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Jan 10, 2025 11:45

डॉक्टरों ने बताया कि इस सर्जरी में जबड़े की नसों और मांसपेशियों की संरचना को पुनर्जीवित करना बेहद चुनौतीपूर्ण था। आधुनिक तकनीकों और विशेषज्ञता के चलते यह संभव हो पाया।

Lucknow News : लखनऊ के निजी अस्पताल के चिकित्सकों ने 19 वर्षीय युवक के 14 वर्षों से बंद पड़े जबड़े को खोलने में सफलता प्राप्त की है। संतकबीरनगर जिले का निवासी आदित्य बचपन में लगी चोट के कारण केवल तरल आहार ही ले पा रहा था। डॉक्टरों के प्रयासों से अब वह ठोस भोजन जैसे रोटी और सब्जी का स्वाद ले सकेंगे।

जबड़ा बंद होने का कारण : टेम्पोरल जॉइंट का टूटना
डॉ. सुमित के अनुसार, करीब छह साल की उम्र में चोट लगने से आदित्य के टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट टूट गए थे। इसके परिणामस्वरूप जबड़े की हड्डियां आपस में जुड़ गईं, जिससे उसका मुंह पूरी तरह से बंद हो गया। इस समस्या के कारण वह न तो बोल पाता था और न ही ठोस भोजन कर सकता था।



मसल फ्लैप तकनीक से सर्जरी
आदित्य और उसके परिवार ने इस समस्या के समाधान के लिए कई अस्पतालों का रुख किया, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। लखनऊ के कानपुर रोड स्थित निजी अस्पताल में पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने सटीक जांच और योजना के साथ इलाज शुरू किया। अस्पताल की प्लास्टिक सर्जरी टीम ने मसल फ्लैप तकनीक का उपयोग करते हुए जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। इस तकनीक में जबड़े की नसों में रक्त आपूर्ति बनाए रखते हुए मांसपेशियों को जोड़ा गया, ताकि हड्डियां दोबारा जुड़ न सकें।

पहली बार खा सकेगा ठोस भोजन, रिकवरी के लिए फिजियोथेरेपी जरूरी
डॉ. सौरभ ने बताया कि सर्जरी के बाद आदित्य 14 वर्षों में पहली बार ठोस भोजन का स्वाद ले पाएंगे। इस प्रक्रिया के तहत जबड़े को धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लाया गया। डेंटल साइंसेज विभाग के चिकित्सकों ने बताया कि इस तरह के मामलों में रिकवरी के लिए 2-3 सप्ताह की फिजियोथेरेपी आवश्यक होती है। इससे जबड़े की मांसपेशियां मजबूत होंगी और सामान्य गतिविधियां बहाल होंगी। डॉक्टरों ने बताया कि इस सर्जरी में जबड़े की नसों और मांसपेशियों की संरचना को पुनर्जीवित करना बेहद चुनौतीपूर्ण था। आधुनिक तकनीकों और विशेषज्ञता के चलते यह संभव हो पाया।
 

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