यूपी बोर्ड परीक्षा को फुलप्रूफ बनाने की तैयारी : 6000 स्कूलों में लगाई जाएंगी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, AI और CCTV से होगी निगरानी

UPT | Uttar Pradesh Board Exam

Oct 28, 2024 18:57

इस व्यवस्था के तहत परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम में अनधिकृत प्रवेश होने पर प्रयागराज और लखनऊ के कमांड कंट्रोल सेंटरों पर तैनात अधिकारियों को तुरंत अलर्ट भेजा जाएगा...

Short Highlights
  • यूपी बोर्ड में अब हाईटेक सिक्योरिटी
  • 6000 स्कूलों में लगेंगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस
  • स्ट्रांग रूम में अनधिकृत प्रवेश पर मिलेगा अलर्ट
Lucknow News : माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा-2025 को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लेने का निर्णय लिया है। यूपी बोर्ड अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सीसीटीवी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करेगा। इस व्यवस्था के तहत परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूम में अनधिकृत प्रवेश होने पर प्रयागराज और लखनऊ के कमांड कंट्रोल सेंटरों पर तैनात अधिकारियों को तुरंत अलर्ट भेजा जाएगा।

इतने करोड़ का बजट
इस सुरक्षा व्यवस्था के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसके तहत 6,000 विद्यालयों को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से लैस किया जाएगा। हालांकि, पहले यूपी बोर्ड ने इस भारी खर्च को देखते हुए अपने प्रस्ताव पर पुनर्विचार किया था। लेकिन अब कम लागत में सुरक्षा उपायों को लागू करने पर सहमति बन जाने के बाद इस योजना को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।



महानिदेशालय को भेजा गया प्रस्ताव
इसे लेकर, यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि बोर्ड ने पहले से मौजूद सीसीटीवी कैमरे, डीवीआर, राउटर और ब्रॉडबैंड की स्थिति की जानकारी मांगी है। इस जानकारी के आधार पर महानिदेशालय को प्रस्ताव भेजा गया है, जिसमें इन उपकरणों के उपयोग से खर्च में कटौती की संभावना व्यक्त की गई है। इस विषय पर चर्चा के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

दीपावली के बाद होगी बैठक
गौरतलब है कि दीपावली के बाद इस समिति की पहली बैठक आयोजित होने की संभावना है। इस बैठक में सभी बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा, ताकि प्रस्ताव को शासन को भेजा जा सके और परीक्षा सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें। एआई व्यवस्था लागू होने के बाद प्रश्नपत्रों की सुरक्षा में सेंध लगाना काफी मुश्किल हो जाएगा। इस बार बोर्ड परीक्षा में लगभग 54.38 लाख परीक्षार्थियों के शामिल होने की उम्मीद है। आधुनिक तकनीक और सुरक्षा उपायों के साथ, परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी के अवसरों को कम किया जाएगा, जिससे निष्पक्षता और पारदर्शिता बनी रहेगी।

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