किसानों के हित में सक्रिय योगी सरकार : पिछले एक साल में 781 गांवों में चकबंदी पूरी, ग्रामीण विकास को मिला बढ़ावा

UPT | CM Yogi Adityanath

Sep 14, 2024 14:02

योगी सरकार किसानों के हित में लगातार सक्रिय है। इसी संदर्भ में, पिछले वर्ष सितंबर में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान, सरकार ने चकबंदी विभाग को किसानों के खेतों की सीमाओं से संबंधित विवादों के समाधान...

Lucknow News : योगी सरकार किसानों के हित में लगातार सक्रिय है। इसी संदर्भ में, पिछले वर्ष सितंबर में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान, सरकार ने चकबंदी विभाग को किसानों के खेतों की सीमाओं से संबंधित विवादों के समाधान, गांवों के विकास को प्रोत्साहित करने, सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने और सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए थे। इसके अतिरिक्त, गांवों में ग्राम अदालतों का आयोजन कर त्वरित वाद निस्तारण के निर्देश भी जारी किए गए थे।

पिछले एक साल में नई उपलब्धि हासिल
सीएम योगी की निगरानी में, योगी सरकार ने चकबंदी कार्यों में पिछले एक वर्ष में एक नई उपलब्धि हासिल की है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में, पिछले आठ महीनों में प्रदेश के 40 जिलों के 82 गांवों में चकबंदी पूरी कर दी गई है। पिछले वर्ष 2023-24 में, 74 जिलों के 781 गांवों में भी चकबंदी का काम किया गया था। इसके अतिरिक्त, पिछले साल सितंबर से लेकर अब तक 705 ग्राम अदालतों का आयोजन किया गया है, जिसमें 25,523 मामलों का समाधान किया गया है।

तीन वर्षों में 1475 ग्रामों में पूरी की गयी चकबंदी प्रक्रिया 
चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खेतों से संबंधित विवादों को पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण ढंग से हल करने के लिए चकबंदी प्रक्रिया को लागू करने के निर्देश दिए थे। इस उद्देश्य के लिए, अभियान चलाने और ग्राम अदालतों का आयोजन करने के भी निर्देश जारी किए गए थे। इसी दिशा में, इस वित्तीय वर्ष के आठ महीनों में 40 जिलों के 82 गांवों में चकबंदी की गई है। हालांकि, 51 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया को अधिनियम की धारा 6 (1) के तहत अलग रखा गया है, क्योंकि वहां चकबंदी संभव नहीं थी।
  • वर्ष 2023-24 : 74 जिलों के 781 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गई।
  • इसमें 330 गांवों में चकबंदी 10 वर्षों से अधिक समय से लंबित थी।
  • वर्ष 2022-23 : 463 गांवों में चकबंदी पूरी की गई।
  • वर्ष 2021-22 : 231 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया पूरी की गई।

कुल मिलाकर : वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 में 1475 गांवों में चकबंदी पूरी की गई।

लंबित चकबंदी :
  • 50 वर्षों से अधिक समय से लंबित: 8 गांव
  • 30 से 50 वर्षों तक लंबित: 72 गांव
  • 10 से 30 वर्षों तक लंबित: 296 गांव
कन्नौज के 8 ग्रामों के दोबारा तैयार कराए चकबंदी अभिलेख
चकबंदी आयुक्त ने बताया कि लखीमपुर खीरी के ग्राम सुआबोझ, सुल्तानपुर के ग्राम मालापुर जगदीशपुर, जौनपुर के ढेमा गांव में क्रमश: 53, 54 और 52 वर्ष से चकबंदी प्रक्रियाधीन थी, जिसे पूरा किया गया। इसके अलावा सुल्तानपुर के ग्राम अन्दारापुर में 48 वर्षों, बरेली के ग्राम मोहनपुर में 41 वर्ष, बिजनौर के ग्राम छाचरी टीप में 35 वर्षों, बदायूं के ग्राम रहेड़िया में 33 वर्षों, मऊ के ग्राम अल्देमऊ में 31 वर्षों, बुलंदशहर के ग्राम याकूबपुर व मुस्तफाबाद डडुवा में 30 वर्षों से चकबंदी प्रक्रियाधीन थी, जिसे पूरी किया गया। इसके साथ ही कन्नौज में 1990 में अग्निकांड की वजह से 35 ग्रामों के अभिलेख जल गये थे, जिससे 34 वर्षों से चकबंदी प्रक्रिया बाधित हो रही थी।

नये अभिलेखों को तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती
उन्होंने आगे बताया कि इसमें नये अभिलेखों को तैयार करना सबसे बड़ी चुनौती थी। ऐसे में चकबंदी आयुक्त ने तत्कालीन अपर निदेशक चकबंदी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया। साथ ही समिति की संस्तुति के बाद 35 ग्रामों में से 8 ग्रामों को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में उनके अभिलेख सृजित किये गये। इनमें से दो गांव नन्दलालपुर व करनौली की चकबंदी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इतना ही नहीं पिछले वर्ष चकबंदी प्रक्रिया में शामिल लखीमपुर खीरी के ग्राम रामपुर मकरन्द की चकबंदी प्रक्रिया एक वर्ष और रामपुर के ग्राम चक रफतपुर में मात्र आठ माह में चकबंदी पूरी की गयी।

मुख्यमंत्री के निर्देश :
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुराने लंबित चकबंदी मामलों के समाधान के लिए ग्राम अदालतों का आयोजन करने के निर्देश दिए थे।
ग्राम अदालतें :
  • पिछले वर्ष सितंबर से अब तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 705 ग्राम अदालतें आयोजित की गईं।
  • इन अदालतों के माध्यम से 25,523 मामलों का निस्तारण किया गया है।
नई तकनीकें :
  • एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), ब्लॉकचेन, ड्रोन और रोवर्स का उपयोग करके चकबंदी प्रक्रिया को आधुनिक बनाने की योजना है।
  • आईआईटी रूड़की के साथ पायलेट प्रोजेक्ट के तहत इन तकनीकों का परीक्षण चल रहा है।
  • जीआईएस बेस्ड सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप विकसित करने की प्रक्रिया भी चल रही है।
भविष्य की योजना :
  • इन नई तकनीकों का इस्तेमाल कर चकबंदी प्रक्रिया को शीघ्र और पारदर्शी ढंग से संचालित किया जाएगा।

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