ईडी ने तुलसियानी समूह पर कसा शिकंजा : निदेशक का डेढ़ करोड़ का फ्लैट कुर्क, इनकी भी खंगाली जा रही संपत्ति

UPT | Enforcement Directorate

Nov 30, 2024 08:41

ईडी की जांच में सामने आया कि तुलसियानी समूह ने चार फ्लैट पंजाब नेशनल बैंक के साथ एक अनुबंध के तहत बंधक रखकर चार करोड़ 63 लाख रुपये का ऋण लिया। लेकिन, कंपनी ने इस ऋण की किस्तें जमा नहीं कीं और पूरी रकम हड़प ली।

Lucknow News : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रियल एस्टेट कंपनी तुलसियानी कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर्स के डायरेक्टर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने लखनऊ स्थित अनिल कुमार तुलसियानी का फ्लैट कुर्क किया है, जिसकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है। ईडी अब तक तुलसियानी समूह की चार करोड़ 56 लाख रुपये की पांच संपत्तियां कुर्क कर चुका है। ये संपत्तियां लखनऊ और प्रयागराज में स्थित हैं।

निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप
अनिल कुमार तुलसियानी और महेश कुमार के खिलाफ निवेशकों ने हजरतगंज कोतवाली में कई मुकदमे दर्ज कराए थे। इन मुकदमों के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। निवेशकों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने उन्हें फ्लैट बुकिंग के नाम पर लुभावने ऑफर दिए और फ्लैट नहीं दिए। यह कंपनी अपने वायदों पर खरी नहीं उतरी और ग्राहकों को धोखा दिया।



बैंक से हड़पी रकम का खुलासा
ईडी की जांच में सामने आया कि तुलसियानी समूह ने चार फ्लैट पंजाब नेशनल बैंक के साथ एक अनुबंध के तहत बंधक रखकर चार करोड़ 63 लाख रुपये का ऋण लिया। लेकिन, कंपनी ने इस ऋण की किस्तें जमा नहीं कीं और पूरी रकम हड़प ली। जांच में यह भी पता चला कि यह राशि कंपनी के निदेशकों ने अपनी दूसरी कंपनियों के खातों में जमा कर दी और इसका उपयोग सम्पत्तियां खरीदने और अन्य ऋण चुकाने में किया।

पहले भी जेल जा चुके हैं डायरेक्टर
डायरेक्टर अनिल कुमार तुलसियानी को पुलिस ने चार नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था। हजरतगंज पुलिस ने उनके खिलाफ 30 जनवरी, 2023 को चार्जशीट दाखिल की। अनिल ने जेल में करीब 11 महीने बिताए और अक्टूबर 2023 में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली। हालांकि, ईडी की जांच जारी है और कंपनी के अन्य निदेशकों की संपत्तियों का ब्योरा तैयार किया जा रहा है। ईडी ने तुलसियानी समूह की लखनऊ और प्रयागराज में पांच संपत्तियां कुर्क की हैं, जिनकी कुल कीमत चार करोड़ 56 लाख रुपये है। कुर्क की गई संपत्तियों में लखनऊ का फ्लैट भी शामिल है, जिसकी कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपये आंकी गई है।

आने वाले समय में और संपत्तियां हो सकती हैं कुर्क
यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े मामलों में से एक है। ईडी ने अपनी जांच में खुलासा किया कि ग्राहकों और बैंकों से हड़पी गई रकम को डायरेक्टरों ने गैर-कानूनी ढंग से दूसरी संपत्तियां खरीदने और निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया। ईडी के मुताबिक कार्रवाई अभी खत्म नहीं हुई है। जल्द ही अन्य संपत्तियां भी कुर्क की जा सकती हैं।
 

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