स्मारक घोटाले में अब पूर्व खनन निदेशक से लंबी पूछताछ : ईडी ने नेताओं-अफसरों के दबाव को लेकर पूछे सवाल

UPT | Enforcement Directorate

Oct 19, 2024 09:00

ईडी ने मौर्य से कंसोर्टियम बनाने के संबंध में भी सवाल किए। उनसे पूछा गया कि कितने ठेकेदारों को पहले चरण में खनन पट्टे दिए गए और किन नियमों के तहत इनका चयन किया गया। मौर्य ने बताया कि यह कंसोर्टियम नियमों के तहत ही बनाया गया था।

Lucknow News : स्मारक घोटाले में संलिप्तता के आरोपों के तहत, पूर्व खनन निदेशक रामबोध मौर्य आखिरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। वह काफी समय से ईडी के निशाने पर हैं। आठ घंटे लंबी पूछताछ के दौरान, ईडी ने शुक्रवार को उनसे ठेकेदारों को दिए गए पट्टों और पत्थरों की खरीद-फरोख्त को लेकर गहन सवाल किए। मौर्य से पूछा गया कि किन नेताओं और अफसरों के दबाव में उन्होंने मनमाफिक तरीके से पट्टे दिए। हालांकि, कई सवालों पर मौर्य ने चुप्पी साध ली।

कई सवालों पर मौर्य की चुप्पी
बताया जा रहा है कि ईडी ने मौर्य से यह जानने की कोशिश की कि स्मारक निर्माण में शामिल ठेकेदारों को पट्टे देने में किन-किन नेताओं और अफसरों का दबाव रहा। इसके अलावा, पत्थरों की खरीद-फरोख्त के दौरान किन ताकतवर हस्तियों का प्रभाव पड़ा। हालांकि, मौर्य ने कुछ सवालों के जवाब दिए। लेकिन, कई सवालों पर उन्होंने चुप रहना ही बेहतर समझा।



स्मारक घोटाले से जुड़े अन्य अफसरों से भी हो चुकी है पूछताछ
बसपा सरकार के कार्यकाल में हुए इस स्मारक घोटाले में पहले ही कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी, जैसे कि सेवानिवृत्त आईएएस मोहिंदर सिंह और लखनऊ विकास प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष हरभजन सिंह, से ईडी पूछताछ कर चुकी है। मोहिंदर सिंह को चार नोटिस मिलने के बाद ईडी दफ्तर में बयान देने के लिए आना पड़ा था। रामबोध मौर्य को भी गुरुवार को पेश होना था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। शुक्रवार को दोपहर के वक्त वे ईडी के सामने पेश हुए।

कंसोर्टियम बनाने पर ईडी के सवाल
ईडी ने मौर्य से कंसोर्टियम बनाने के संबंध में भी सवाल किए। उनसे पूछा गया कि कितने ठेकेदारों को पहले चरण में खनन पट्टे दिए गए और किन नियमों के तहत इनका चयन किया गया। मौर्य ने बताया कि यह कंसोर्टियम नियमों के तहत ही बनाया गया था। लेकिन, ईडी ने कुछ दस्तावेज सामने रख दिए जिसमें यह दिखाया गया कि कई ठेकेदारों ने पहली बार अपनी कंपनियां बनाई थीं और उन्हें करोड़ों के पट्टे दे दिए गए। इस सवाल पर मौर्य कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।

ठेकेदारों की नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन पर भी सवाल
ईडी ने यह जानने की कोशिश की कि इतने सारे नए ठेकेदार अचानक कहां से आ गए और कैसे इन सभी ने राजस्थान से लखनऊ तक अपना कार्यक्षेत्र फैलाया। जिन ठेकेदारों ने नई कंपनियां बनाई थीं, उनके रजिस्ट्रेशन के समय और पते के बारे में भी ईडी ने सवाल किए। ईडी ने पहले से ही इन कंपनियों का ब्योरा तैयार कर रखा था और इन बिंदुओं पर मौर्य से विस्तार से सवाल पूछे गए।

इन सवालों को लेकर घेरा
जानकारी के मुताबिक ईडी ने मौर्य से कंसोर्टियम बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी की। इसके अलावा पत्थरों की खरीद-फरोख्त कहां से और कैसे की गई और किन नेताओं और अफसरों का दबाव लगातार बना रहा, इसे लेकर भी सवाल पूछे। साथ ही नए ठेकेदारों और उनकी कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के विवरण को लेकर भी जानकारी की गई।

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