सांसद चंद्रशेखर ने केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखा पत्र : गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान की मांग, दिए कुछ अहम सुझाव

UPT | सांसद चंद्रशेखर

Nov 10, 2024 16:41

चंद्रशेखर ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री को पत्र लिखकर गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने की मांग की है।

Lucknow News : नगीना से लोकसभा सांसद और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने की मांग की है। अपने पत्र में सांसद आजाद ने किसानों के हितों की अनदेखी पर चिंता जताते हुए गन्ना किसानों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की है।
  सांसद चंद्रशेखर ने केंद्रीय कृषि मंत्री को लिखा पत्र
चंद्रशेखर आजाद ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि भारतीय कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में गन्ना किसानों का विशेष योगदान है, लेकिन हाल के समय में इन किसानों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि गन्ना उत्पादकों की चिंताओं का सही तरीके से समाधान नहीं हो पा रहा है। चीनी मिल मालिकों के हित में सिफारिशें दी गई हैं, परंतु गन्ना किसानों की समस्याओं की ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया। गन्ना एक नकदी फसल है, फिर भी किसानों को अपने उत्पाद का भुगतान समय पर नहीं मिल पाता, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है।



किसानों की समस्याओं के समाधान की मांग
पत्र में सांसद ने बताया कि नीति आयोग ने गन्ना किसानों के लिए "फेयर एंड रेम्यूनरेटिव प्राइस" (एफआरपी) का सुझाव दिया है। हालांकि, राज्य सरकारों द्वारा लागू किए जाने वाला "स्टेट एडवाइज प्राइस" (एसएपी) पूरी तरह कारगर साबित नहीं हो पा रहा है, जिससे किसानों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है और उनकी आय में भी कमी आती है। चंद्रशेखर आजाद ने गन्ना किसानों की भलाई के लिए कृषि मंत्री से विशेष कदम उठाने का आग्रह किया है।

सांसद ने अपने पत्र में कुछ अहम सुझाव भी दिए
  • गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए चीनी मिलों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि किसानों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
  • मूल्य निर्धारण प्रणाली में सुधार किया जाए, जिसमें एफआरपी और एसएपी के बीच के अंतर को खत्म करके निष्पक्ष मूल्य निर्धारण सुनिश्चित किया जाए।
  • चीनी मिलों पर किसानों की बकाया राशि का शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त समय-सीमा तय की जाए।
  • एक निगरानी समिति का गठन किया जाए, जो किसानों और चीनी मिल मालिकों के बीच समन्वय स्थापित कर मूल्य निर्धारण और भुगतान प्रक्रिया की समीक्षा कर सके।

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