Budget 2024 : नई क्रेडिट गारंटी स्कीम से एमएसएमई इकाइयों को मिलेगी बड़ी राहत, 100 करोड़ तक का गारंटी कवर

UPT | Budget 2024-25

Jul 23, 2024 21:53

आम बजट में सबसे महत्वपूर्ण घोषणा एक नई क्रेडिट गारंटी योजना की है, जिसके तहत एमएसएमई इकाइयों को बिना जमानत के ऋण प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत एक स्व-वित्तपोषित गारंटी फंड की स्थापना की जाएगी, जो प्रत्येक उधारकर्ता को 100 करोड़ रुपये तक का गारंटी कवर देगा।

Short Highlights
  • मुद्रा लोन 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख तक
  • पंजीकरण की सीमा को 500 करोड़ से घटाकर 250 करोड़ रुपये तक 
Lucknow News : आम बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण घोषणा एक नई क्रेडिट गारंटी योजना की है, जिसके तहत एमएसएमई इकाइयों को बिना जमानत के ऋण प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत एक स्व-वित्तपोषित गारंटी फंड की स्थापना की जाएगी, जो प्रत्येक उधारकर्ता को 100 करोड़ रुपये तक का गारंटी कवर देगा। इस पहल से उन छोटी इकाइयों को भी मदद मिलेगी जो समय पर ऋण चुकता नहीं कर पा रहे हैं और इससे उनके खातों को एनपीए होने से बचाया जा सकेगा। राज्य सरकार एमएसएमई इकाइयों को लगातार प्रोत्साहन दे रही है।

मंत्री राकेश सचान​​​ ने आम बजट को बताया सर्वस्पर्शी और विकासोन्मुखी
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने आम बजट 2024-25 को सर्वस्पर्शी और विकासोन्मुखी बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एमएसएमई इकाइयों को ऋण प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए बजट में एक नया क्रेडिट असेसमेंट मॉडल पेश किया जाएगा, जो डिजिटल फुटप्रिंट्स के आधार पर ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बनाएगा। इससे बैंकों से ऋण प्राप्त करने में सुविधा होगी। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की घोषणा की गई है, जो उन इकाइयों के लिए होगी जिन्होंने पूर्व में लिए गए ऋण को समय पर चुकाया है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कारीगर बेच सकेंगे उत्पाद 
अगले तीन वर्षों में एमएसएमई क्लस्टर्स में सिडबी की 24 नई शाखाएं खोली जाएंगी, जिससे एमएसएमई इकाइयों को ऋण प्राप्त करने में सुविधा होगी। ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण की सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे अधिक एमएसएमई इकाइयां इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत हो सकेंगी और आसानी से क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगी। ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पाद बेचने में मदद करेंगे। इसके अलावा, 100 एनएबी मान्यता प्राप्त फूड टेस्टिंग लैब्स खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को उच्च गुणवत्ता वाली परीक्षण सेवाएं प्रदान करेंगी। अगले पांच वर्षों में देश की 500 बड़ी कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अपने उद्यम शुरू करने के लिए तैयार हो सकें। ये प्रावधान एमएसएमई क्षेत्र को सशक्त बनाने और देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 

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