यूपी में डीएम-मंडलायुक्त को नई जिम्मेदारी : निवेश और सीडी रेशियो बढ़ाने को करेंगे ये काम, नवंबर से लागू होगी व्यवस्था

UPT | प्रतीकात्मक ​तस्वीर

Oct 25, 2024 14:41

मुख्य सचिव सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश का सीडी रेशियो बढ़ा है। महाराष्ट्र के बाद सीडी रेशियो में यूपी नंबर दो पर है। जहां सीडी रेशियो कम है, वहां आर्थिक गतिविधियां भी कम हैं। देशभर में 12 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट है, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र का है और उसके बाद यूपी आता है।

Lucknow News : प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए डीएम और कमिश्नर के लिए निवेश और रोजगार सृजन पर फोकस करते हुए अपनी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) में स्व-मूल्यांकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने की व्यवस्था की है। इसमें अधिकारियों को यह बताना होगा कि उनके जिले में कितना निवेश आया और कितना सीडी (क्रेडिट डेबिट) रेशियो बढ़ा। इसके आधार पर एसीआर में उनके का मूल्यांकन किया जाएगा। प्रदेश सरकार के मुताबिक ये कदम निवेश को बढ़ावा देने में बेहद मददगार होगा।

परफॉर्मेंस ग्रेडिंग के आधार पर सम्मान
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि अब डीएम की एसीआर में निवेश को भी शामिल किया जाएगा, जिससे उनकी परफॉर्मेंस को ग्रेडिंग के आधार पर मापा जा सके। बेहतर प्रदर्शन करने वाले डीएम को सम्मानित करने का भी प्रावधान रखा गया है। यह नई व्यवस्था आगामी दो से तीन सप्ताह में लागू कर दी जाएगी, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और प्रदेश के अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में अधिक सक्रिय रहेंगे।



महाराष्ट्र से प्रतिस्पर्धा, उत्तर प्रदेश का आर्थिक लक्ष्य
मुख्य सचिव सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश का सीडी रेशियो बढ़ा है। महाराष्ट्र के बाद सीडी रेशियो में यूपी नंबर दो पर है। जहां सीडी रेशियो कम है, वहां आर्थिक गतिविधियां भी कम हैं। देशभर में 12 लाख करोड़ रुपये का डिपॉजिट है, जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र का है और उसके बाद यूपी आता है। सरकार लगातार कृषि और उद्योग क्षेत्रों में वृद्धि के लिए प्रयासरत है और यही कारण है कि औद्योगिक निवेश को और अधिक आकर्षित करने के लिए नई नीतियों का पालन किया जा रहा है। 

औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति: 25 सेक्टोरल पॉलिसी की शुरुआत
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति के तहत 25 नई सेक्टोरल पॉलिसी लॉन्च की है। इसका उद्देश्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। इन नीतियों का लाभ लेकर राज्य में उद्योगपतियों को अधिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

जिला एवं मंडल स्तर पर डीएम और मण्डलायुक्त की भूमिका अहम
प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट और मंडलायुक्त की भूमिका महत्वपूर्ण मानी गई है। उनकी जिम्मेदारियों में केवल भूमि की उपलब्धता, भू-उपयोग परिवर्तन और अनुमति प्रदान करने तक सीमित नहीं रखा गया है, बल्कि उन्हें निवेश के विभिन्न पहलुओं पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।

बड़े उद्योगों के कार्यों का पर्यवेक्षण 
डीएम और मंडलायुक्त जनपद स्तर पर बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों के कार्यों का निकट से पर्यवेक्षण करेंगे और निवेशकों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे। यह नीति निवेशकों के लिए पारदर्शिता और जिम्मेदारी को सुनिश्चित करेगी, जिससे निवेश को और गति मिलेगी।

अधिक क्रेडिट डेबिट रेशियो वाले जिले :
अमरोहा -77 प्रतिशत
संबल - 91 प्रतिशत
पीलीभीत - 89 प्रतिशत
मुजफरनगर - 84 प्रतिशत

कम सीडी रेशियो वाले जिले :
उन्नाव
बलरामपुर
श्रावस्ती

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