Noida International Airport : नोएडा एयरपोर्ट के मास्टर प्लान में फेरबदल, लखनऊ भेजा प्रस्ताव

UPT | Noida Airport

Aug 14, 2024 12:22

ज्यूरिख ने इस संशोधित मास्टर प्लान का प्रस्ताव शासन को भेजा है। प्रस्ताव में बताया गया है कि मौजूदा मास्टर प्लान के तहत  दो रनवे के बीच की दूरी 1600 मीटर है, जबकि यह दूरी पर्याप्त नहीं मानी जा रही है।

Noida Airport News : जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मास्टर प्लान में व्यापक बदलाव की तैयारी चल रही है। इससे एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी और डिजाइन को नई दिशा मिलेगी। इस प्रस्तावित संशोधन के तहत एयरपोर्ट के प्रत्येक रनवे के बीच की दूरी को 1.6 किलोमीटर से बढ़ा  2.4 किलोमीटर करने का निर्णय लिया गया है, जिससे कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाया जा सके। एयरपोर्ट का निर्माण कर रही विकासकर्ता कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी ने एयरपोर्ट का विस्तारित मास्टर प्लान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (नियाल) को दिया है।

टर्मिनल की आपस में कनेक्टिविटी व रेल एवं सड़क कनेक्टिविटी के लिए रनवे के बीच दूरी बढ़ाने को विस्तारित मास्टर प्लान दिया गया है। नियाल ने इसके अध्ययन की जिम्मेदारी पीडब्ल्यूसी को दी है। इसके बाद यह प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा। जेवर में 1334 हेक्टेयर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है।

दोनों रनवे के बीच कितनी दूरी
ज्यूरिख ने इस संशोधित मास्टर प्लान का प्रस्ताव शासन को भेजा है। प्रस्ताव में बताया गया है कि मौजूदा मास्टर प्लान के तहत दो रनवे के बीच की दूरी 1600 मीटर है, जबकि यह दूरी पर्याप्त नहीं मानी जा रही है। बीजिंग और इस्तांबुल एयरपोर्ट के उदाहरण का हवाला देते हुए ज्यूरिख ने इसे 2400 मीटर करने का सुझाव दिया है। इससे एयरपोर्ट पर यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके।

रनवे के बीच की दूरी बढ़ाने की जरूरत
एयरपोर्ट की विस्तरित परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए देश व दुनिया के कई एयरपोर्ट का अध्ययन किया गया था। इसके मुताबिक ही दोनों रनवे की दूरी को 1600 तय किया गया था। लेकिन उस वक्त एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डर में ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर बनाकर रेल, नमो भारत रेल, सड़क आदि से कनेक्टिविटी का विचार नहीं था। भविष्य में एयरपोर्ट का विस्तार छह रनवे तक करने की योजना है। इसके लिए टर्मिनल बिल्डिंगों को भी आपस में कनेक्ट किया जाएगा। ताकि यात्रियों को आवाजाही में आसानी हो। इसलिए रनवे की बीच की दूरी को बढ़ाने के लिए विस्तारित मास्टर प्लान दिया गया है।

तीसरे चरण में 2082 हे. के जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव
नियाल ने एयरपोर्ट के लिए आरक्षित जमीन का पूरी तरह से अधिग्रहण करने के लिए तीसरे चरण में 2082 हेक्टेयर का प्रस्ताव जिला प्रशासन को भेज रखा है। इस पर एसआइए की प्रक्रिया चल रही है। तीनों चरण में कुल 4781 हे. जमीन का अधिग्रहण हो जाएगा। विस्तारित मास्टर प्लान स्वीकृति होने की स्थिति में इस क्षेत्रफल में छह के बजाए पांच रनवे का ही निर्माण हो सकेगा। छह रनवे के निर्माण के लिए मास्टर प्लान 2041 को स्वीकृति मिलते ही करीब एक हजार हेक्टेयर और जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव जिला प्रशासन को दिया है। इसके अधिग्रहण से अलीगढ़ जिले के टप्पल की सीमा तक एविएशन हब की सीमा पहुंच जाएगी। यमुना प्राधिकरण पहले ही इस क्षेत्र को एविएशन हब में शामिल करने का प्रस्ताव बोर्ड से स्वीकृत करा चुका है।

चार एयरलाइंस कंपनी की शुरू होगी सेवा
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से चार एयरलाइंस कंपनी की यात्री सेवाएं उपलब्ध होगी। इसमें एयरइंडिया, अकासा, इंडिगो व स्पाइस जेट शामिल हैं। इन कंपनियों के विमान भी नोएडा एयरपोर्ट के हैंगर में खड़े होंगे। नोएडा एयरपोर्ट का विस्तारित मास्टर प्लान विकासकर्ता की ओर से दिया गया है। रनवे की बीच की दूरी को बढ़ाकर 2400 मीटर करने का प्रस्ताव है। तुर्किये के इस्तांबुल व चीन के बीजिंग में बनाए जा रहे एयरपोर्ट पर रनवे के बीच की दूरी 2400 है।

दिसंबर 2024 में उड़ने लगेंगे हवाई जहाज
एयरपोर्ट के निर्माण का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में चल रहा है। इसमें दो रनवे और दो टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण किया जा रहा है। दिसंबर 2024 में विमानों की उड़ान शुरू होने की संभावना है, क्योंकि एक रनवे और एक टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चूका है। वर्ष 2025 में दूसरे रनवे के निर्माण की योजना भी बनाई गई है। 

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