Lucknow News : यूपी में पाकिस्तानी टिड्डियों का हमला, अलर्ट मोड पर कृषि विभाग, किसानों को दी ये सलाह

UPT | पाकिस्तानी टिड्डियों का उत्तर प्रदेश में अटैक।

Mar 17, 2024 18:42

पाकिस्तान से आया टिड्डी दल उत्तर प्रदेश पहुंच चुका है। इसने फसलों पर भी हमला बोल दिया है। इनसे बचने के लिए कृषि विभाग ने किसानों को अपने खेतों में रासायनिक छिड़काव करने और..

Short Highlights
  • महाराजगंज जिले में टिड्डियों के बड़े दल ने अटैक किया है जिसके बाद से ही पूरे प्रदेश में कृषि विभाग अलर्ट  
  • कृषि वैज्ञानिकों की सलाह-साइपरमेथ्रिन या लैम्डा-साइहेलोथ्रिन को पानी में घोलकर खेतों में छिड़कें
Lucknow News : कभी प्राकृतिक आपदा तो कभी अन्य कारणों से फसल खराब हो जाती है जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। अब ऐसे में पाकिस्तानी टिड्डियों का उत्तर प्रदेश में अटैक शुरू हो गया है जिसे लेकर कृषि विभाग पूरे प्रदेश भर में इनसे बचने के लिए किसानों को जागरूक कर रहा है। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में भी रविवार को टिड्डियों के बड़े दल ने अटैक किया है, जिसके बाद से ही पूरे प्रदेश में कृषि विभाग अलर्ट मोड पर है।

क्यों खतरा है टिड्डियां
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो टिड्डियां झुंड में चलती हैं और अपने रास्ते में आने वाले खेतों को पूरी तरह नष्ट कर देती हैं। एक रिसर्च के अनुसार टिड्डियों का एक छोटा झुंड भी एक समय में लगभग 30 से 35 हजार व्यक्तियों का खाना खा जाता है। बताते चलें टिड्डियों में प्रजनन क्षमता अधिक होती है जिस वजह से टिड्डियां दिन में खाना खाती हैं और रात में अंडे देती हैं। इसी वजह से टिड्डियों की संख्या बहुत तेज़ गति से बढ़ती है। इनसे बचने के लिए समय-समय पर किसानों को संगोष्ठियों के माध्यम से जागरूक किया जाता है। 

कैसे करें बचाव
कृषि विभाग द्वारा किसानों को अपने खेतों और उसके आसपास तेज साउंड का डीजे बजाने, ढोल-नगाड़े आदि बजाने की सलाह दी गई है। ऐसा करने पर तेज आवाज की वजह से टिड्डियों का दल खेतों से दूर भाग जाता है। इसके साथ ही किसानों को रात के समय में खेतों में मशाल जलाने के लिए भी कहा गया है। आग में जलने के खतरे की वजह से भी टिड्डियां खेतों से दूर भाग जाती है।

रासायनिक छिड़काव से बचाव
तेज आवाज और आग के अलावा कृषि विभाग द्वारा किसानों से अपने खेतों में रासायनिक छिड़काव करने की भी सलाह दी गई है। कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक, क्लोरोपाइरीफॉस, ईसी या क्लोरोपाइरीफॉस और साइपरमेथ्रिन या लैम्डा-साइहेलोथ्रिन को पानी में घोलकर खेतों में छिड़कने को कहा गया है। इन रसायनों की वजह से भी टिड्डियों के अटैक को रोक सकते हैं।

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