पुलिस भर्ती पेपर लीक प्रकरण :  पेपर रद्द होने के बाद पहली गिरफ्तारी, व्हाट्सएप पर सिपाही भर्ती का उत्तर भेजने वाला दबोचा

UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Feb 25, 2024 11:28

पुलिस भर्ती पेपर लीक प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रुख के बाद कार्रवाई तेज हो गई है। इस मामले में एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए बलिया निवासी नीरज यादव गिरफ्तार किया है। अभ्यर्थियों को व्हाट्सएप पर सिपाही भर्ती का उत्तर भेजने में उसकी तलाश की जा रही थी।

Short Highlights
  • प्रिटिंग प्रेस से लीक की आशंका
  • 150 में से 147 प्रश्न पेपर में हूबहू आए थे
Lucknow  News : पुलिस भर्ती पेपर लीक प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त रुख के बाद कार्रवाई तेज हो गई है। इस मामले में एसटीएफ ने कार्रवाई करते हुए बलिया निवासी नीरज यादव गिरफ्तार किया है। अभ्यर्थियों को व्हाट्सएप पर सिपाही भर्ती का उत्तर भेजने में उसकी तलाश की जा रही थी। नीरज को उत्तर कुंजी भेजने वाले मथुरा निवासी एक अन्य व्यक्ति की तलाश में छापेमारी की जा रही है। यूपी पुलिस में 60244 पदों के लिए भर्ती के लिए दो दिवसीय भर्ती परीक्षा हुई थी। फिर पेपर लीक होने की खबरें सोशल मीडिया पर आईं। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लेते हुए परीक्षा रद्द करने और छह महीने में दोबारा कराने का आदेश दिया था। इस परीक्षा में अलग-अलग गड़बड़ियों को लेकर यूपी एसटीएफ की टीमें प्रदेशभर से 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं।

वायरल पर्ची में थे 150 में से 147 सवालों के जवाब
यूपी एसटीएफ की कार्रवाई के दौरान बिहार निवासी अभ्यर्थी सत्य अमन कुमार के पास से जो पर्ची मिली, उसमें 150 में से 147 प्रश्न पेपर में हूबहू आए थे। उसके व्हाट्सएप पर 18 फरवरी की दोपहर 12:56 बजे नीरज यादव के नंबर से हाथ से लिखी गई उत्तर कुंजी भेजी गई थी। जांच अधिकारियों को इस मामले में बलिया निवासी नीरज यादव और मथुरा निवासी उपाध्याय नाम व्यक्ति की भूमिका का पता चला। पेपर में शामिल 150 प्रश्न में से 147 प्रश्नों के उत्तर अमन के पास मिलने से पेपर लीक की आशंका मजबूत हो गई। माना जा रहा है कि जहां से ये उत्तर कुंजी भेजी गइ्र, उसको प्रश्न पत्र पहले मिल गया होगा। तभी उसने हल करके परीक्षा से एक घंटे पहले व्हाट्सएप पर भेज दिया।

प्रिटिंग प्रेस से लीक की आशंका
जांच अधिकारियों की मानें तो परीक्षा केंद्रों पर गड़बड़ी के सुराग नहीं मिले हैं। संभव है कि इसकी साजिश प्रश्न पत्रों की छपाई करने वाली प्रिंटिंग प्रेस में साजिश रची गई। अब एसटीएफ इसी दिशा में अपनी जांच आगे बढ़ाएगी। आशंका है कि प्रेस के कुछ कर्मचारियों ने पेपर  सेटिंग के दौरान प्रश्न नोट किए हों, जिसे बाद में पेपर आउट करने वालों से पैसे लेकर दे दिया होगा।

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