प्रगति 2024 : सुरक्षित सशक्त वातावरण में बेटियों को बेहतर भविष्य देने की पहल, शिक्षकों ने बढ़ाया आत्मविश्वास

UPT | प्रगति 2024: स्वाभिमान और सफलता की ओर।

Nov 19, 2024 20:04

उत्तर प्रदेश सरकार की पहल से प्रदेश की बेटियों के लिए सुरक्षित, समावेशी और खुशहाल स्कूलों का निर्माण सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी दिशा में यूनिसेफ के साथ मिलकर राज्य सरकार ने ‘प्रगति 2024: स्वाभिमान और सफलता की ओर’ कार्यक्रम का आयोजन गोमती नगर के दयाल गेटवे ऑडिटोरियम में किया।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश सरकार की पहल से प्रदेश की बेटियों के लिए सुरक्षित, समावेशी और खुशहाल स्कूलों का निर्माण सुनिश्चित किया जा रहा है। इसी दिशा में यूनिसेफ के साथ मिलकर राज्य सरकार ने ‘प्रगति 2024: स्वाभिमान और सफलता की ओर’ कार्यक्रम का आयोजन गोमती नगर के दयाल गेटवे ऑडिटोरियम में किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बेटियों, शिक्षकों और समुदाय के योगदान को सम्मानित करना था, और यह समावेशी शिक्षा प्रणाली को सशक्त बनाने के लिए एक अहम कदम साबित हुआ।

शिक्षा में नई दृष्टि का निर्माण
कार्यक्रम में ‘आत्म-सम्मान’ और ‘आधा फूल’ जैसी पहलों को प्रमुख रूप से प्रस्तुत किया गया, जो शिक्षा के प्रति एक नई सोच को प्रकट करती हैं। इन पहलों का उद्देश्य न केवल बेटियों के आत्मविश्वास को बढ़ाना है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए प्रेरित करना भी है।



40 लाख बालिकाओं तक पहुंच
इस पहल ने प्रदेश के 75 जिलों में 45 हजार 655 स्कूलों और 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) के जरिए करीब 40 लाख बच्चों के जीवन में बदलाव लाया है। इन प्रयासों के दौरान आत्म-सम्मान और आधा फूल जैसी पहल के माध्यम से बच्चों को प्रेरित किया गया और जीवन कौशल शिक्षा की अहमियत पर विस्तृत चर्चा की गई।

लैंगिक रूढ़िवादिता के खिलाफ कदम
बालिकाओं की शिक्षा और व्यक्तिगत प्रगति को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम में सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रोचक गतिविधियां आयोजित की गईं। साथ ही, लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ने के लिए यूनिसेफ द्वारा बनाए गए पोस्टर और प्लेबुक का उपयोग किया गया। इन माध्यमों से अभिभावकों को यह संदेश दिया गया कि बच्चों के सवालों का सकारात्मक और खुला तरीके से जवाब देना कितना जरूरी है, जिससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि हो सके।

मीना मंच का सशक्त योगदान
मीना मंच, जो कि एक काल्पनिक पात्र “मीना” से प्रेरित है, बच्चों को अपनी समस्याएँ साझा करने और उनके समाधान खोजने का एक अहम मंच प्रदान करता है। यह मंच बच्चों के सशक्तिकरण का प्रतीक बन चुका है।

मीना सभा बालिकाओं कि प्रगति में मददगार
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने कहा कि 'मीना सभा' जैसे आयोजन बालिकाओं को शिक्षा में बनाए रखने और उन्हें स्कूल छोड़ने से रोकने में मददगार साबित हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ‘प्रगति 2024’ ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा को समावेशी और प्रभावी बनाने के लिए सरकार और समुदाय के संयुक्त प्रयास कितने जरूरी हैं।

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