Lucknow Crime : पंचायती राज विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी को छह दिन 'डिजिटल अरेस्ट' रखा, 19.50 लाख रुपये ठगे

UPT | बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 19.50 लाख रुपये ठगे।

Nov 19, 2024 21:15

राजधानी में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने के मामले थमने नाम नहीं ले रहे हैं। इस बार साइबर  अपराधियों ने रिटायर्ड कर्मचारी को ठगी का शिकार बनाया।

Lucknow Crime : राजधानी में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस बार साइबर अपराधियों ने पंचायती राज विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी को ठगी का शिकार बनाया। ठाकुरगंज के रहने वाले कमलकांत मिश्रा को छह दिन डिजिटल अरेस्ट कर 19.50 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए। बुजुर्ग को मनी लांड्रिंग केस में जेल भेजने का डर दिखाकर यह ठगी की गई। पीड़ित ने गोमती नगर स्थित साइबर थाने में अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। साइबर टीम इस मामले की जांच में जुटी हुई है।

मनी लांड्रिंग में जेल भेजने कर दिखाया डर
ठाकुरगंज के सतगुरु सहाय कॉलोनी निवासी कमलकांत मिश्रा पिछले साल पंचायती राज विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके पास छह नवंबर को अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद काे मुंबई के अंधेरी ईस्ट थाने का अफसर बताया। उसने कहा कि आपके एक खाते से मनी लांड्रिंग का मामला सामने आया है। उसने कमलकांत मिश्रा का आधार कार्ड नंबर और बैंक डीटेल भी बताई। जिससे बुजुर्ग को उसकी बात पर यकीन हो गया। फिर साइबर ठग ने कमलकांत को मनी लांड्रिंग मामले में जेल भेजने का डर दिखाया। इसके बाद उसने एक और ठग से बात कराई। कुछ समय बाद कमलकांत के पास एक और कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने अपना नाम राजेश बताया और जांच में मदद करने की बात कही।



हड़प लिए 19.50 लाख रुपये
कॉल करने वाले ठग राजेश ने सेवानिवृत्त कर्मचारी से कहा कि उन्हें अपनी बैंक खाते की राशि उसके खाते में ट्रांसफर करनी होगी। जांच पूरी होने के बाद पैसा उन्हें वापस मिल जाएगा। राजेश के कहने पर कमलकांत लगातार पैसे ट्रांसफर करते रहे। इसके बाद अलग-अलग खातों में पीड़ित से 17 लाख 50 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए। छह नवंबर की रात कमलकांत के पास फिर से व्हाट्सएप कॉल आई। इस बार कॉल करने वाले ने खुद का नाम संदीप बताया और जमानत राशि जमा करने के नाम पर उनसे 95 हजार रुपये और जमा करवा लिया। सात से 12 नवंबर के बीच कई बार फोन कर एक लाख पांच हजार रुपये और वसूल लिए।

पीड़ित ने बेटे को बताई आपबीती
साइबर ठगों ने एक हफ्ते के भीतर कमलकांत से एक बड़ी रकम हड़प ली। लेकिन ठगी का यह खेल यहीं खत्म नहीं हुआ। साइबर ठगों ने सेवानिवृत्त कर्मचारी को कॉल करके और रुपये मांगें। जब बुजुर्ग ने रुपये देने के इनकार कर दिया तो जेल भेजने की धमकी देने लगे। थक-हारकर कमलकांत ने अपने बेटे को पूरी घटना बताई। जिससे ठगी का खुलासा हुआ। इसके बाद कमलकांत अपने बेटे के साथ साइबर थाने गए और वहां मामला दर्ज कराया।

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