डायलिसिस यूनिट में भ्रष्टाचार की शिकायत : सिटी मजिस्ट्रेट ने की जांच, अवैध वसूली की शिकायतें सामने आने पर किया जिला अस्पताल का दौरा

UPT | जिला अस्पताल में जांच करने पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट।

Oct 23, 2024 18:28

जिला अस्पताल में स्थित डायलिसिस यूनिट में फैले भ्रष्टाचार व सीएमएस की मनमानी के खिलाफ और आयुष्मान कार्ड पर इलाज न किए जाने को लेकर पीड़ित परिवारों ने जिलाधिकारी से शिकायत की गई थी। जिसके बाद अस्पताल का दौरा किया गया।

Raebareli News :  जिला अस्पताल में स्थित डायलिसिस यूनिट में फैले भ्रष्टाचार और सीएमएस (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) की मनमानी के खिलाफ पीड़ित परिवारों ने आवाज उठाई है। आरोप है कि अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों का सही तरीके से इलाज नहीं किया जा रहा है। इस मामले में जिलाधिकारी हर्षिता माथुर को शिकायत दी गई थी, जिसके बाद नगर मजिस्ट्रेट धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने अस्पताल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और सीएमएस से पूछताछ की।


अवैध वसूली और धरने की शिकायत
बुधवार को जिला अस्पताल के डायलिसिस सेंटर में अवैध वसूली की शिकायतें सामने आई थीं। आरोप है कि डायलिसिस के नाम पर मरीजों से बाहरी दवाइयों के लिए पैसे वसूले जा रहे थे, जबकि उनके पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा था। सलोन थाना क्षेत्र से आए पीड़ित परिवार ने अस्पताल के खिलाफ धरना भी दिया और आयुष्मान कार्ड के बावजूद इलाज न मिलने पर अपना विरोध जताया। इस मामले में जिलाधिकारी को शिकायत के बाद, उनके निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट ने स्थिति की जांच की।

सीएमएस से पूछताछ और मरीजों की समस्याओं पर चर्चा
नगर मजिस्ट्रेट धीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर प्रदीप अग्रवाल से पूरे मामले पर पूछताछ की। पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया कि डायलिसिस विभाग में उनसे बाहरी दवाइयां मंगवाई जा रही हैं, जबकि आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत मुफ्त इलाज का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि कार्ड धारकों को दवा न देकर उनसे पैसे वसूले जा रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है।

सीएमएस का पक्ष और नेफ्रोलॉजिस्ट की कमी
जांच के दौरान सीएमएस ने बताया कि अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन नेफ्रोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं है, इसलिए नेफ्रो से संबंधित दवाइयां वे नहीं दे पा रहे हैं। नगर मजिस्ट्रेट ने इस पर स्पष्ट किया कि यदि अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है, तो सीएमएस को दवाइयां भी उपलब्ध करानी चाहिए।

आयुष्मान योजना के तहत इलाज की सीमा
नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत 1500 रुपये तक का एक पैकेज आता है, जिसके तहत इलाज और दवाइयों का प्रावधान है। उन्होंने सीएमएस से कहा कि 75 प्रतिशत की सीमा के अंदर दवाइयों का खर्च किया जा सकता है। इस मुद्दे पर सहमति बनने के बाद, अब आयुष्मान कार्ड धारकों को दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

सुधार की दिशा में कदम
जांच के बाद नगर मजिस्ट्रेट ने कहा कि जनसुनवाई के दौरान कई शिकायतें मिली थीं, जिसमें आयुष्मान कार्ड धारकों को दवा और इलाज न मिलने की बात कही गई थी। उन्होंने सीएमएस को निर्देश दिए कि भविष्य में किसी भी कार्डधारक को इलाज के लिए परेशान न किया जाए और सभी को समुचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए।

पीड़ित परिवारों की उम्मीद
जांच के बाद पीड़ित परिवारों को उम्मीद है कि अब अस्पताल में डायलिसिस के दौरान किसी प्रकार की अवैध वसूली नहीं की जाएगी और आयुष्मान योजना का सही लाभ मिलेगा। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वे अस्पताल की व्यवस्था में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाएं, ताकि भविष्य में किसी भी मरीज को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।

इस घटना ने जिला अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और यह मुद्दा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करता है। अब देखने की बात होगी कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मिलकर इन समस्याओं का समाधान किस तरह करते हैं और मरीजों को उचित चिकित्सा सुविधा कैसे प्रदान की जाती है। 

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