अखिलेश-प्रियंका का यूपी पुलिस पर सवाल : रायबरेली में बैग लौटने वाले को फंसाने के आरोप, जानिए किसने क्या कहा

UPT | पुलिस ने निर्दोष दीपू को ही पकड़ लिया।

Sep 09, 2024 23:56

रायबरेली पुलिस ने गुडवर्क दिखाने के चक्कर में जल्दबाजी में जिस बेकसुर युवक को जेल भेज दिया था, अब उस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी ने भी रायबरेली पुलिस को आड़े हाथों लिया है। 

Raebareli News : रायबरेली में हाल ही में घटी एक घटना ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने रायबरेली पुलिस को आड़े हाथों लिया है। यह विवाद एक ऐसे युवक की गिरफ्तारी को लेकर है, जिसे पुलिस ने गुडवर्क दिखाने के चक्कर में जल्दबाजी में बिना उचित जांच के जेल भेज दिया था।

मदद करना पड़ गया भारी
रायबरेली में एक युवक को मदद करना भारी पड़ गया। उसे रास्ते में 7 लाख रुपये से भरा बैग मिला। वह मदद के इरादे से बैग लेकर पुलिस के पास पहुंचा। आरोप है कि पुलिस ने गुडवर्क दिखाने के चक्कर में युवक को ही 8 लाख के लूट केस में जेल भेज दिया। युवक को जेल भेजे जाने के विरोध में गांव वाले उतर आए। महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस अफसरों ने जांच कराई। इसमें युवक निर्दोष निकला। हालांकि, इस दौरान उसे करीब 12 दिन जेल में रहना पड़ा। रिहाई के बाद युवक ने अपना दर्द बयां किया।

प्रियंका गांधी ने शेयर किया वीडियो
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने युवक का वीडियो शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि यूपी पुलिस के लिए कानून-व्यवस्था खिलवाड़ बन चुकी है। समाजवादी पार्टी ने सरकार और पुलिस को आड़े हाथों लिया।

कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस ने दीपू के मामले को प्रमुखता से उठाया। एक्स पर लिखा कि रायबरेली में गौरव उर्फ दीपू को एक बैग मिला, जिसमें 7 लाख रुपये थे। दीपू ने ये बैग लेकर थाने पहुंचा। पुलिस ने भी अपना फर्ज निभाया और उसे 8 लाख रुपये की लूट में जेल भेज दिया। बाबा की पुलिस का फंडा हो गया है, ईमानदारों-शरीफों को मार और गद्दारों-अपराधियों का सत्कार। अब समझ जाइए कि यूपी पुलिस कितनी होनहारी से अपराधों का निपटारा करती है। अखिलेश ने प्रदेश सरकार को घेरा 
अखिलेश ने कहा कि अगर अच्छे लोगों को अपनी अच्छाई के बदले भाजपा सरकार की पुलिस से ऐसा व्यवहार मिलेगा तो हो चुका प्रदेश का कल्याण। इस षड्यंत्र में शामिल सभी लोगों की कड़ी निष्पक्ष जांच हो, उससे भी कड़ी दंडात्मक कार्रवाई। 

अगर अच्छे लोगों को अपनी अच्छाई के बदले भाजपा सरकार की पुलिस से ऐसा व्यवहार मिलेगा तो हो चुका प्रदेश का कल्याण। इस षड्यंत्र में शामिल सभी लोगों की कड़ी निष्पक्ष जाँच हो उससे भी कड़ी दंडात्मक कार्रवाई। pic.twitter.com/CUFCTSfoBf

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 9, 2024 वहीं, समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने एक्स पर लिखा कि योगी जी की पुलिस का एक और शर्मनाक करनामा देखिए, सुनिए और तय कीजिए कि यूपी में पुलिस किस तरह से काम कर रही है। एक युवक को सड़क पर बैग पड़ा मिला, जिसमें लाखों रुपए थे। उस युवक ने ईमानदारी से वो बैग रुपए के साथ पुलिस को दे दिया। पुलिस ने रात में जंगल ले जाकर उस युवक के हाथ में बैग पकड़ाया और वीडियोग्राफी करके लूट के आरोप में जेल भेज दिया। 

योगी जी की पुलिस का एक और शर्मनाक करनामा देखिए सुनिए और तय कीजिए कि यूपी में पुलिस किस तरह से काम कर रही है

एक युवक को सड़क पर एक बैग पड़ा मिला जिसमें लाखों रुपए थे ,उस युवक ने ईमानदारी से वो बैग रुपयों सहित पुलिस को दे दिया

पुलिस ने रात में जंगल ले जा कर उस युवक के हाथ में बैग… pic.twitter.com/5K1lNwP8J5

— SamajwadiPartyMediaCell (@MediaCellSP) September 8, 2024
क्या है पूरा मामला
रायबरेली के गदागंज थाना क्षेत्र में रवि चौरसिया जनसुविधा केंद्र चलाते हैं। 20 अगस्त को रवि से 8 लाख रुपये की लूट हो गई। बदमाशों ने पिटाई करने के बाद रवि से रुपये से भरा बैग छीन लिया और फरार हो गए। सूचना पुलिस को मिली तो बदमाशों के पीछे लग गई। इसी दौरान आरोपी पैसों से भरा बैग एक जंगल में रखकर भाग गए। ये बैग 26 अगस्त को जमुनीपुर चरुहार के रहने वाले गौरव उर्फ दीपू को मिल गया। उसने प्रधान की मदद से बैग को पुलिस तक पहुंचा दिया। लेकिन, पुलिस ने उल्टा उसको ही गिरफ्तार कर लिया और जेल में बंद कर दिया।

गिरफ्तारी के विरोध में लोगों ने किया प्रदर्शन
दीपू की गिरफ्तारी से स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ गया। लोगों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने दुकानें बंद कर विरोध जताया। लोगों ने कहा कि दीपू निर्दोष है। पुलिस ने गुडवर्क के चक्कर में एक निर्दोष युवक को फंसा दिया। मामला बढ़ता देख पुलिस ने जांच शुरू की। आखिरकार जांच में निकला कि दीपू लूट में शामिल नहीं था। उसे वाकई में सड़क किनारे रुपये से भरा बैग मिला था, लेकिन जल्दबाजी में स्थानीय पुलिस ने उसे आरोपी बना जेल में डाल दिया।

दीपू ने बयां किया दर्द
पीड़ित युवक दीपू ने बताया कि वह जंगल की ओर अपने साथियों के साथ जा रहा था। तभी उसकी नजर वहां पड़े एक बैग पर गई। जब वो बैग के पास पहुंचा तो उसमें काफी पैसा रखा था। बैग लेकर पुलिस के पास पहुंचा, जहां उल्टे पुलिस ने उसे ही पकड़ लिया। 2 दिन थाने में रखने के बाद पुलिस जंगल ले गई। जहां बैग मिला था, उस जगह पुलिस ने दीपू से ही बैग बरामदगी का वीडियो बना लिया। फिर उसको कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। इस मामले में एएसपी संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि साक्ष्य के अभाव में पुलिस ने गौरव उर्फ दीपू को छुड़ाने की पहल की है।

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