Raebareli News : फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले में चौंकाने वाले खुलासे, 11 गांवों में 52,955 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए

UPT | मामले की जानकारी देते डीपीआरओ

Dec 18, 2024 17:13

जिले में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में छह और गांवों की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

Raebareli News : जिले में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र घोटाले की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। हाल ही में छह और गांवों की जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। डीपीआरओ सौम्य शील की जांच में अब तक 11 गांवों में बनाए गए 53,368 जन्म प्रमाणपत्रों में से केवल 413 प्रमाणपत्र ही सही पाए गए हैं, जबकि 52,955 प्रमाणपत्र फर्जी घोषित किए गए हैं।

जांच के चौंकाने वाले आंकड़े
सितंबर में पांच गांवों की जांच में 19,775 ऑनलाइन जन्म प्रमाणपत्रों में से केवल 230 सही मिले थे। वहीं, दो दिन पहले छह अन्य गांवों की जांच रिपोर्ट में कुल 33,410 में से सिर्फ 183 प्रमाणपत्र सही पाए गए। इस प्रकार 11 गांवों में अधिकांश प्रमाणपत्र फर्जी साबित हुए।

कैसे हुआ खुलासा?
करीब छह महीने पहले सलोन ब्लॉक में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनाने का मामला सामने आया था। यह सभी प्रमाणपत्र स्थानीय सहज जनसेवा केंद्र से जारी किए गए थे। जांच में पाया गया कि जनसेवा केंद्र संचालक ज़ीशान और उसके पिता रियाज़ ने ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) जितेंद्र सिंह यादव की आईडी और पासवर्ड चुराकर यह गड़बड़ी की। मामले के उजागर होने के बाद वीडीओ जितेंद्र सिंह समेत ज़ीशान और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया गया।

विदेशी कनेक्शन और राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल
सूत्रों के अनुसार, इन फर्जी प्रमाणपत्रों में से कुछ विदेशी नागरिकों, विशेषकर बांग्लादेशियों के लिए भी जारी किए गए थे। इससे रोहिंग्या कनेक्शन की आशंका जताई जा रही है। एटीएस और एनआईए मामले की जांच कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि देश विरोधी गतिविधियों से जुड़े लोगों द्वारा इन प्रमाणपत्रों का उपयोग किए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

प्रशासनिक अधिकारियों का बयान
डीपीआरओ सौम्य शील ने बताया कि अब तक की जांच में 52,955 फर्जी प्रमाणपत्र बनाने की पुष्टि हो चुकी है। प्रशासन एटीएस की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद इस मामले में और तथ्य सामने आ सकते हैं। स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी फिलहाल इस मामले में बयान देने से बच रहे हैं।

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