बाघ ने फिर गाय का किया शिकार : दुधवा की सुलोचना-डायना ने संभाला मोर्चा, वन विभाग को अब अभियान सफल होने की उम्मीद

UPT | दुधवा की ट्रेंड हथिनियों सुलोचना और डायना से बाघ की तलाश शुरू

Jan 03, 2025 12:27

वन विभाग के आलाधिकारियों के अनुसार, ये हथिनियां विशेष रूप से बाघ को ट्रेस करने में दक्ष हैं और उनकी सूंघने की क्षमता से बाघ की लोकेशन का पता लगाने में मदद मिलेगी।

Lucknow News : शहर के रहमानखेड़ा और उसके आसपास के इलाकों में पिछले एक महीने दिनों से बाघ की मौजूदगी ने ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। वन महकमे की पूरी टीम कड़ी मशक्कत के बाद भी बाघ को पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है। लगभग हर रोज बाघ की गतिविधियां ट्रैप कैमरों में कैद हो रही हैं। अब तो पगचिह्न नजर आते ही ग्रामीण बताने लग रहे हैं किे ये बाघ के हैं, फिर वन विभाग की टीम भी इसकी पुष्टि करती है। लेकिन, इससे आगे बात नहीं बढ़ पा रही है। इस बीच शुक्रवार को बहरू गांव में बाघ ने नया शिकार किया। इस बार फिर उसने गाय का अपना निशाना बनाया, जिसके अवशेष वन विभाग को मिले हैं। इस घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

दुधवा नेशनल पार्क से आईं ट्रेंड हथिनियां
बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा नेशनल पार्क से प्रशिक्षित हथिनियां सुलोचना और डायना लखनऊ पहुंच चुकी हैं। वन विभाग के आलाधिकारियों के अनुसार, ये हथिनियां विशेष रूप से बाघ को ट्रेस करने में दक्ष हैं और उनकी सूंघने की क्षमता से बाघ की लोकेशन का पता लगाने में मदद मिलेगी। प्रभागीय निदेशक सितांशु पांडेय ने बताया कि ये हथिनियां अब बाघ की तलाश में लगाई जा रही हैं।



ग्रामीणों में दहशत, एक किलोमीटर क्षेत्र में की गई कॉम्बिंग
इस बीच कुरामौरा गांव के किसान बाघ की दहशत के चलते रात में रतजगा कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के कारण मजदूर खेतों में काम करने से डर रहे हैं। इससे फसल खराब होने की संभावना बढ़ गई है। गोला कुआं और कुशमीरा गांव में बाघ के ताजा पगचिह्न मिलने से स्थिति और गंभीर हो गई है। वहीं एसडीओ हरिलाल ने बताया कि बाघ की हलचल की सूचना पर वन विभाग की टीम ने एक किलोमीटर के दायरे में कॉम्बिंग की है। इस दौरान रेलवे ट्रैक के किनारे और आम के बागों में बाघ के पगचिह्न मिले हैं। वन विभाग की छह टीम और एक्सपर्ट इस अभियान में जुटे हुए हैं।

पिंजरे के साथ 22 ट्रैप कैमरे और मचान से हो रही तलाश
काकोरी के आमोठिया गांव के तालाब के पास भी बाघ की हलचल देखी गई। ग्रामीणों ने पगचिह्न देखे और वन विभाग को सूचित किया। विभाग ने यहां पिंजरा लगाया है, जिसमें पड़वा बांधा गया है ताकि बाघ को फंसाया जा सके। प्रभागीय निदेशक सितांशु पांडेय ने बताया कि क्षेत्र में 22 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं और दो जगहों पर मचान बनाकर निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, कानपुर, लखनऊ और पीलीभीत के टाइगर एक्सपर्ट और करीब 30 अधिकारी इस ऑपरेशन में शामिल हैं।

ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील
वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और रात में अकेले बाहर न जाने की अपील की है। बाघ की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। अधिकारियों के अनुसार हथिनियों के आने इस ​अभियान को गति मिलेगी और उम्मीद है कि अब बाघ को पकड़ा जा सकेगा।

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