KGMU : प्राइवेट हॉस्पिटल में महिला मरीज की मौत के मामले में आरोपी रेजिडेंट निलंबित, जांच के आदेश

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Nov 12, 2024 00:59

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के आदेश पर केजीएमयू प्रशासन ने सीएमएस डॉ. बीके ओझा की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की। कमेटी ने मरीज को निजी अस्पताल ले जाने और प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपों की जांच की। इसके आधार पर रेजिडेंट डॉक्टर रमेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

Lucknow News : लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में ईएनटी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर रमेश कुमार को प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह कदम डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर उठाया गया। लखीमपुर खीरी की 32 वर्षीय पूनम मौर्य आशा कार्यकर्ता थीं। महिला के इलाज में लापरवाही से मौत के बाद यह मामला सामने आया। 

ऑपरेशन के बाद बिगड़ी मरीज की हालत
मृतक ​महिला के पति सुरेन्द्र पाल सिंह ने बताया कि सितंबर में केजीएमयू के डॉ. रमेश ने उन्हें गले में मस्सा होने के कारण ऑपरेशन कराने की सलाह दी। केजीएमयू में काफी लंबी वेटिंग का हवाला देते हुए डॉ. रमेश ने उनसे यह ऑपरेशन खदरा स्थित एक निजी अस्पताल में करने को कहा। इसके बाद विगत 25 अक्तूबर को पूनम मौर्य को खदरा के केडी अस्पताल में भर्ती कराया गया। शाम को ऑपरेशन के बाद उनकी हालत गंभीर हो गई और आनन-फानन में उन्हें केजीएमयू के शताब्दी वेंटिलेटर यूनिट में भर्ती कराया गया, लेकिन शनिवार को उनकी मौत हो गई। इस घटना ने केजीएमयू के वेंटिलेटर यूनिट और निजी अस्पतालों के बीच की मिलीभगत की पोल खोल दी है।



जांच कमेटी की कार्रवाई
डिप्टी सीएम के आदेश पर केजीएमयू प्रशासन ने सीएमएस डॉ. बीके ओझा की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की। कमेटी ने मरीज को निजी अस्पताल ले जाने और प्राइवेट प्रैक्टिस के आरोपों की जांच की। इसके आधार पर रेजिडेंट डॉक्टर रमेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

सीनियर डॉक्टर से संबंध
सूत्रों के अनुसार, रेजिडेंट डॉक्टर रमेश कुमार विभाग के एक सीनियर डॉक्टर के करीबी हैं, जिसके चलते वह लंबे समय से प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे। उनका कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी मिलीभगत के कारण उन्हें दोबारा नियुक्ति दी गई थी। यह तथ्य प्रशासनिक प्रणाली की खामियों को उजागर करता है।

वेंटिलेटर यूनिट में धांधली का खुलासा
इस मामले ने केजीएमयू की वेंटिलेटर यूनिट और निजी अस्पताल संचालकों के बीच साठगांठ का खुलासा किया। आमतौर पर वेंटिलेटर बेड के लिए मारामारी रहती है, लेकिन इस प्रकरण में मरीज को बिना औपचारिकता के सीधे वेंटिलेटर पर भर्ती कर लिया गया। यह सवाल उठाता है कि मरीजों को प्राथमिकता देने में किस हद तक नियमों का उल्लंघन हो रहा है।

जांच के आदेश
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं सरकार और संस्थान की छवि को धूमिल करती हैं। साथ ही, सीएमओ को केडी अस्पताल की व्यवस्थाओं की जांच के निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने आश्वासन दिया कि दोषी व्यक्ति को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
 

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