SGPGI Lucknow : नर्सिंग स्टाफ से मारपीट मामले में आठ सदस्यों की कमेटी सौंपेगी अपनी रिपोर्ट, एसोसिएशन ने लगाए ये आरोप

UPT | एसजीपीजीआई लखनऊ

Jun 21, 2024 12:36

एसजीपीजीआई के सीवीटीएस डिपार्टमेंट के ऑपरेशन थिएटर में महिला डॉक्टर डॉ. वरुणा वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने नर्सिंग स्टाफ के साथ अभद्रता और मारपीट की। मामले के तूल पकड़ने के बाद एसजीपीजीआई प्रशासन को जांच के लिए कमेटी गठित करना पड़ा।

Short Highlights
  • एसोसिएशन की नाराजगी के बाद गठित की गई है कमेटी
  • सीवीटीएस डिपार्टमेंट के ऑपरेशन थिएटर में हुई थी घटना
Lucknow News: ऑपरेशन थियेटर में नर्सिंग स्टाफ से मारपीट के बाद संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI प्रशासन ने आठ सदस्यीय कमेटी बनाई है। कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी प्रोफेसर आदित्य कपूर को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। कमेटी को 24 घंटे के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट निदेशक को सौंपनी है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

एसोसिएशन की नाराजगी के बाद गठित कमेटी
एसजीपीजीआई के सीवीटीएस डिपार्टमेंट के ऑपरेशन थियेटर में महिला डॉक्टर डॉ. वरुणा वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने नर्सिंग स्टाफ के साथ अभद्रता और मारपीट की। मामले के तूल पकड़ने के बाद एसजीपीजीआई प्रशासन को जांच के लिए कमेटी गठित करना पड़ा। इस कमेटी में कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य कपूर की अध्यक्षता वाली कमेटी में, प्रोफेसर वी के पालीवाल (न्यूरोलॉजी), प्रोफेसर अनुपमा कौल (नेफ्रोलॉजी), प्रोफेसर बिपिन चंद्रा (सीवीटीएस) के साथ नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन की तरफ से अजय कुमार सिंह, नवरतन सिंह, मंजू लता कमल और शिवदयाल शर्मा को सदस्य बनाया गया है। कमेटी को नर्सिंग स्टाफ धर्मेंद्र के डॉ. वरुणा वर्मा पर लगाए गए आरोपों के बारे में जांच कर 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपनी है। माना जा रहा है कि ये रिपोर्ट शुक्रवार को सौंप दी जाएगी। 

जानें पूरा मामला
नर्सिंग स्टाफ धर्मेंद्र सिंह ने डॉक्टर वरुणा वर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीवीटीएस डिपार्टमेंट के ऑपरेशन थियेटर में मरीज के हार्ट का ऑपरेशन चल रहा था। डॉ. वर्मा ने उनसे इंस्ट्रूमेंट मांगा, जब उन्होंने डॉक्टर को इंस्ट्रूमेंट दिया तो वह देरी का हवाला देते हुए नाराज हो गईं और उनके साथ बदसलूकी शुरू कर दी, थप्पड़ भी मारा। बात बाहर आने पर नर्सिंग स्टाफ के कर्मचारी नाराज हो गए और अस्पताल का कामकाज ठप कर एडमिन डिपार्टमेंट में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन ने एसजीपीजीआई प्रशासन से डॉक्टर को निलंबित करने की मांग की। एसोसिएशन की अध्यक्ष लता सचान और महामंत्री विवेक सागर ने घटना को लेकर नाराजगी जाहिर की। निदेशक प्रोफेसर आरके धीमन के समझाने पर भी संगठन के लोग नहीं माने। इसके बाद निदेशक ने यूनियन से बातचीत के बाद जांच कमिटी गठित की।

कमेटी के मेंबर से नहीं हैं संतुष्ट
इस बीच नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष सीमा शुक्ला ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन के कुछ ऐसे सदस्यों को जानबूझ कर कमेटी में रखा गया है जिन्होंने दो साल पहले ही ज्वाइन किया है। उन्होंने एसजीपीजीआई प्रशासन पर आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए किया गया है, जिससे पीड़ित स्टाफ नर्स और नर्सिंग एसोसिएशन के पैनल में मौजूद सदस्यों पर दबाव बनाया जा सके। वहीं नर्सिंग स्टाफ एसोसिएशन अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है उसका कहना है कि अगर चौबीस घंटे के भीतर डॉक्टर पर कार्रवाई नहीं की गई, तो प्रदर्शन जारी रहेगा। हालांकि यूनियन ने कहा है कि अस्पताल का कामकाज ठप नहीं होगा, मरीजों को असुविधा नहीं होगी।

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