एसजीपीजीआई में बनेगा 200 बेड का हार्ट सेंटर : बच्चों के लिए मिलेंगी उन्नत स्वास्थ्य सेवाएं

UPT | Sanjay Gandhi Post Graduate Institute of Medical Sciences

Sep 18, 2024 19:15

पीजीआई के निदेशक डॉ. आर.के. धीमान ने बताया की यह हार्ट सेंटर सलोनी हार्ट फाउंडेशन के सहयोग से बनाया जा रहा है। पीजीआई और सलोनी हार्ट फाउंडेशन के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन (MoU) को पीजीआई की आधिकारिक निकाय की बैठक में मंजूरी दी गई है।

Lucknow News : राजधानी के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में जल्द ही बच्चों के लिए एक विशेष हार्ट सेंटर का निर्माण शुरू होने जा रहा है। यह 200 बेड का हार्ट सेंटर न केवल लखनऊ बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी सौगात साबित होगा। पीजीआई के निदेशक डॉ. आर.के. धीमान ने बताया की इस सेंटर का निर्माण कार्य अक्टूबर 2024 से शुरू होने की संभावना है और इसकी अनुमानित लागत लगभग 500 करोड़ रुपये है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास करेंगे।

सलोनी हार्ट फाउंडेशन-पीजीआई में MoU   
डॉ. आर.के. धीमान ने बताया की यह हार्ट सेंटर सलोनी हार्ट फाउंडेशन के सहयोग से बनाया जा रहा है। पीजीआई और सलोनी हार्ट फाउंडेशन के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन (MoU) को हाल ही में पीजीआई की आधिकारिक निकाय की बैठक में मंजूरी दी गई है। इस सेंटर में नवजात से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों का इलाज किया जाएगा। यहां जन्मजात हृदय रोग, दिल में छेद, वाल्व की खराबी, और अनियंत्रित हृदय गति जैसी गंभीर समस्याओं का उपचार संभव होगा। विशेष बात यह है कि इस केंद्र के सभी 200 बेड आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) और एचडीयू (उच्च निर्भरता इकाई) स्तर के होंगे, जो गंभीर मरीजों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

गामा नाइफ की खरीद-अतिरिक्त गार्डों की नियुक्ति
निदेशक डॉ. आर.के. धीमान ने बताया कि संस्थान में कई अन्य सुधार भी किए जा रहे हैं। इनमें गामा नाइफ की खरीद, 292 अतिरिक्त सुरक्षा गार्डों की नियुक्ति और डॉक्टरों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता शामिल है। इन सुधारों से संस्थान की समग्र सेवा गुणवत्ता में और अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है। यह नया हार्ट सेंटर उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, बल्कि राज्य में मेडिकल पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की संभावना है। पीजीआई प्रशासन का मानना है कि यह सेंटर अगले कुछ वर्षों में पूरी तरह से कार्यरत हो जाएगा और देश के प्रमुख बाल हृदय रोग सेंटर में से एक बन जाएगा।

बाल हृदय रोग सेंटर में से एक
इस परियोजना की घोषणा के बाद विभिन्न क्षेत्रों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। वरिष्ठ बाल हृदय रोग विशेषज्ञों का मानना है कि यह केंद्र उत्तर प्रदेश में बाल हृदय रोग के इलाज में एक नया अध्याय लिखेगा। मरीजों के परिजनों ने भी इस पहल का स्वागत किया है, क्योंकि अब उन्हें अपने बच्चों के इलाज के लिए दूर-दराज के शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में भी इस सेंटर से नए अवसरों की उम्मीद जताई जा रही है।

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