UP News : सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ी, ईडी ने जब्त की करोड़ों की संपत्ति, लगाया बोर्ड

UPT | सपा सांसद बाबू सिंह कुशवाहा।

Aug 03, 2024 00:32

एक समय बसपा सुप्रीमो मायावती के बेहद करीबी नेताओं में शुमार बाबू सिंह कुशवाहा बसपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। पार्टी के मुख्य रणनीतिकारों में उनकी गिनती होती थी और अति पिछड़ों के बड़े नेताओं में उनका नाम शुमार था। हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें लोकसभा में पार्टी का उपनेता बनाया है। 

Lucknow News : जौनपुर लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद बाबू सिंह कुशवाहा की अवैध संपत्ति मामले में मुश्किलें बढ़ सकती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इसे लेकर कार्रवाई तेज कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम शुक्रवार को सांसद बाबू सिंह की कुशवाहा की जमीन जब्त करने के लिए पहुंची। इसके बाद जमीन को जब्त करते हुए वहां अपना नोटिस बोर्ड लगा दिया गया। ईडी ने बाबू सिंह कुशवाहा के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है। 

प्रॉपर्टी की करोड़ों की कीमत
ये जमीन लखनऊ में कानपुर रोड स्थित स्कूटर इंडिया के सामने स्थित है। इसकी वर्तमान में कीमत करोड़ों में है। यहां पर बाबू सिंह कुशवाहा के पूर्व में संचालित एक समाचार पत्र की प्रिंटिंग मशीन भी लगी है। जमीन का अन्य हिस्सा कृषि योग्य है। इस अवैध प्रॉपर्टी को लेकर ईडी को जानकारी मिली थी। इसके बाद अपनी शुरुआती पड़ताल पूरी करने के बाद ईडी के अधिकारी संपत्ति जब्त करने के लिए मौकै पर पहुंचे। ईडी की टीम अपने साथ बुलडोजर भी लेकर पहुंची। इसके बाद जमीन जब्त करते हुए मौके पर ईडी ने अपना नोटिस बोर्ड लगा दिया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि इस जमीन को ईडी ने अपने कब्जे में ले लिया है। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत यह संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय भारत सरकार के कब्जे में है। इसका किसी भी प्रकार का अंतरण अवैध होगा तथा अतिक्रमी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल आधिकारिक तौर पर इसे लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। बाबू सिंह कुशवाहा की ओर से भी कुछ नहीं बताया गया है। 

मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा भाजपा में हुए थे शामिल
एक समय बसपा सुप्रीमो मायावती के बेहद करीबी नेताओं में शुमार बाबू सिंह कुशवाहा बसपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। पार्टी के मुख्य रणनीतिकारों में उनकी गिनती होती थी और अति पिछड़ों के बड़े नेताओं में उनका नाम शुमार था। एनआरएचएम घोटाले में उनका नाम सुर्खियों में रहा। वह काफी समय तक जेल में भी रहे। एनआरएचएम घोटाले से संबंधित सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी बाबू सिंह कुशवाहा के विरुद्ध पीएमएलए के तहत केस दर्ज किया था। तभी से यह जांच कर रही है। बसपा से अलग होने के बाद बाबू सिंह कुशवाहा भाजपा में शामिल हुए। लेकिन गहरे विरोध के बाद पार्टी को कदम वापस लेने पड़े। काफी समय तक चर्चाओं से दूर रहने के बाद समाजवादी पार्टी से टिकट मिलने के बाद उनका नाम फिर सुर्खियों में आया और उन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की। हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें लोकसभा में पार्टी का उपनेता बनाया है। 

सदस्यता रद्द होने का मंडरा रहा खतरा
हालांकि लोकसभा चुनाव-2024 में जीत हासिल करने के बाजवूद बाबू सिंह कुशवाहा की सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है। बाबू सिंह कुशवाहा का भविष्‍य बहुत कुछ उन पर चल रहे मुकदमों में अदालतों से आने वाले फैसलों पर निर्भर है। यदि अगले पांच साल के दौरान कभी भी इन्‍हें किसी मुकदमे में सजा मिलती है तो उनकी संसद सदस्‍यता जा सकती है। बाबू सिंह कुशवाहा पर आय से अधिक संपत्ति के मामलों समेत कई मुकदमे चल रहे हैं। आठ मामलों में आरोप तय हो चुके हैं। इसके साथ ही सांसद के खिलाफ ईडी और सीबीआई के भी केस दर्ज हैं। 

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