ऑथर Asmita Patel

लखनऊ-अयोध्या हाईवे से हटेंगे टोल प्लाजा : GPS आधारित नई व्यवस्था होगी लागू, पहले 20 किमी यात्रा होगी मुफ्त

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Nov 04, 2024 13:31

वर्तमान में, 60 किमी की दूरी तय करने पर यात्रियों को टोल टैक्स चुकाना होता है। जिसके लिए जगह-जगह टोल प्लाजा स्थापित किए गए हैं। लेकिन सड़क परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि...

Lucknow News : लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर टोल प्लाजा हटाने की तैयारी की जा रही है। जिससे यात्री अब अधिक सुविधाजनक तरीके से यात्रा कर सकेंगे। नई टोल व्यवस्था के तहत वाहन चालकों को फिक्स टोल के बजाय उनकी यात्रा की दूरी के आधार पर टोल चुकाना होगा। इसके लिए जीपीएस और सैटेलाइट सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। जिससे टोल टैक्स का ऑटोमैटिक कटाव संभव होगा।

नई व्यवस्था का ट्रायल
यह नई योजना सबसे पहले लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर ट्रायल के रूप में लागू की जाएगी। इसके तहत हाईवे पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन (ANPR) को स्कैन करने वाले कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे सैटेलाइट से जुड़े होंगे। जिससे यह सुनिश्चित होगा कि चालक को केवल उतना ही टोल चुकाना होगा। जितनी दूरी उन्होंने हाईवे पर तय की है। टोल की दर किमी के आधार पर निर्धारित की जाएगी।

20 किमी तक की निशुल्क होगी यात्रा
नई व्यवस्था के अनुसार, पहले 20 किमी तक की यात्रा निशुल्क होगी। इसके बाद जैसे ही वाहन चालक यात्रा शुरू करेगा, सैटेलाइट द्वारा उनकी दूरी की जानकारी ली जाएगी और उसी अनुसार टोल टैक्स कटेगा। यह प्रक्रिया फास्ट टैग के समान होगी, जो सीधे वाहन के बैंक खाते से जुड़ा होगा। जैसे ही हाईवे खत्म होगा। धनराशि स्वतः आपके खाते से कट जाएगी और इस प्रक्रिया की सूचना आपके फोन पर प्राप्त होगी।

जल्द ही हाईवे से हटेंगे टोल प्लाजा 
वर्तमान में, 60 किमी की दूरी तय करने पर यात्रियों को टोल टैक्स चुकाना होता है। जिसके लिए जगह-जगह टोल प्लाजा स्थापित किए गए हैं। लेकिन सड़क परिवहन विभाग का लक्ष्य है कि अगले 5-10 वर्षों में इन टोल प्लाजा को हटा दिया जाए और उनकी जगह ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम (GNSS) का उपयोग किया जाए। इससे टोल टैक्स का पैसा सीधे सरकार के राजस्व में जाएगा।

ऑन बोर्ड यूनिट डिवाइस का उपयोग
इस नई व्यवस्था को सफल बनाने के लिए गाड़ियों में ऑन बोर्ड यूनिट डिवाइस लगाए जाएंगे। जो यात्रा की सटीक दूरी की गणना करेंगे। शुरूआत में यह योजना लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर लागू की जाएगी और यदि यह सफल रहती है, तो अन्य राष्ट्रीय हाईवे पर भी इसे लागू किया जा सकेगा।

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