उन्नाव में कथावाचक ने गजवा हिन्द पर दिया बयान : ठाकुर देवकीनंदन ने उठाई सनातन बोर्ड बनाने की मांग

UPT | कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन

Nov 07, 2024 14:02

उन्नाव के रामलीला मैदान में सदर विधायक पंकज गुप्ता के नेतृत्व में आयोजित रामकथा कार्यक्रम में कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन ने गजवा-ए-हिन्द के मुद्दे पर कड़ा बयान दिया...

Unnao News : उन्नाव के रामलीला मैदान में सदर विधायक पंकज गुप्ता के नेतृत्व में आयोजित रामकथा कार्यक्रम में कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन ने गजवा-ए-हिन्द के मुद्दे पर कड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "अब गजवा-ए-हिन्द की नहीं, भगवा हिन्द की बात होगी। हम अपनी धरती पर अपमान सहन नहीं कर सकते। हमारी बहन-बेटियों का अपमान नहीं सह सकते। इन सबका संरक्षण और सम्मान हमें करना होगा।"

सनातन बोर्ड बनाने की मांग
कथावाचक ठाकुर देवकीनंदन ने अपने बयान में वक्फ बोर्ड के मुकाबले सनातन बोर्ड बनाने की आवश्यकता जताते हुए कहा, "वक्फ बोर्ड तो पहले से ही है, अब हमें सनातन बोर्ड भी बनाना चाहिए। केवल इसी तरीके से सनातन धर्म की रक्षा की जा सकती है। अगर सनातन धर्म पर कोई आक्रमण होता है, तो उसका उचित और दृढ़ जवाब हमें देना ही होगा।"



सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक पहल की घोषणा
रामकथा के दौरान, ठाकुर देवकीनंदन ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 16 नवम्बर को दिल्ली में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि के निर्माण और सनातन धर्म की रक्षा के लिए देशभर से लाखों सनातनी एकत्रित होंगे। इस कार्यक्रम का नाम "सनातन यात्रा" रखा गया है, जिसका उद्देश्य सनातन धर्म को और भी मजबूती से फैलाना और हिन्दू समाज से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर समाज का ध्यान आकर्षित करना है।

सैकड़ों श्रद्धालु रहे मौजूद
रामकथा के उद्घाटन समारोह में उन्नाव जिले की प्रमुख धार्मिक और राजनीतिक हस्तियों के साथ-साथ सैकड़ों श्रद्धालु भी उपस्थित थे। इस अवसर पर विधायक पंकज गुप्ता ने कहा, "रामकथा का आयोजन धार्मिक और सामाजिक बदलाव की एक नई उम्मीद जगा रहा है और यह समाज के हर वर्ग के लिए फायदेमंद साबित होगा। इस कार्यक्रम से लोगों में धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ेगी, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।"

सनातन धर्म की रक्षा पर जोर
ठाकुर देवकीनंदन ने अपने भाषण में यह भी कहा, "हमें अपने गौरवमयी इतिहास को जानना और समझना होगा और उसी आधार पर अपने भविष्य की दिशा निर्धारित करनी होगी। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सनातन धर्म को आगामी पीढ़ियों तक सुरक्षित रखें, ताकि वे भी हमारे सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को जान सकें और उसका पालन कर सकें।"

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