भारत सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा कि उपभोक्ता के परिसर पर जो साधारण मीटर लगा है, उसे ही चेक मीटर के रूप में प्रयोग में लाया जाए और चेक मीटर के मिलान को अनिवार्य रूप से तीन महीने तक किया जाए और दोनों की रीडिंग की समीक्षा की जाए, जिससे उपभोक्ता स्वत: दोनों मीटर की मिलान कर ले और उसकी विश्वसनीयता कायम रहे।