सियासी रणनीति के केंद्र में पोस्टर वॉर : सपा ने 'मठाधीश बांटेंगे और काटेंगे' के जरिए किया तंज, केशव मौर्य बोले- जेहादियों को खुला समर्थन

UPT | सपा की ओर से लगाया गया नया पोस्टर

Nov 03, 2024 17:14

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सपा का असली एजेंडा मुस्लिम तुष्टिकरण और वोटबैंक के लिए जेहादियों को खुला समर्थन देना है। लव जेहाद, लैंड जेहाद, वोट जेहाद-हर मोर्चे पर समाज को बांटने की राजनीति, क्या यही अखिलेश यादव के समरसता का दावा है, क्या यही पीडीए है।

Lucknow News : प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव अब पोस्टर वॉर में तब्दील हो चुका है। आए दिन नए पोस्टर के जरिए विपक्ष सरकार पर दबाव बनाने में जुटा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे' बयान के बाद समाजवादी पार्टी की ओर से लगातार नए-नए पोस्टर के जरिए सत्ता पक्ष को घेरने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में सपा ने इस बार एक नए पोस्टर के जरिए सीधे मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है, जिसमें मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए उन्हें 'मठाधीश' कहा गया है और 'पीडीए जोड़ेगी और जीतेगी' का नारा दिया गया है।

सपा का पलटवार: 'मठाधीश बांटेंगे और काटेंगे'
सपा कार्यालय के बाहर लगाए गए इस नए पोस्टर ने सियासी चर्चा को और हवा दे दी है। इस पोस्टर में अखिलेश यादव की फोटो के साथ मुख्यमंत्री योगी के नारे का पलटवार करते हुए लिखा गया, 'मठाधीश बांटेंगे और काटेंगे, पीडीए जोड़ेगी और जीतेगी।' महराजगंज की फरेंदा विधानसभा क्षेत्र के नेता अमित चौबे की ओर से ये पोस्टर लगाया गया है। उनका कहना है कि यह पोस्टर यूपी की जनता की आवाज है और यह दर्शाता है कि प्रदेश में गरीबों, पिछड़ों और दलितों के अधिकारों का सम्मान नहीं किया जा रहा है।



केशव प्रसाद मौर्य का तंज: सपा का असली एजेंडा लव जेहाद, लैंड जेहाद और वोट जेहाद
इस बीच उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सपा का असली एजेंडा मुस्लिम तुष्टिकरण और वोटबैंक के लिए जेहादियों को खुला समर्थन देना है। लव जेहाद, लैंड जेहाद, वोट जेहाद-हर मोर्चे पर समाज को बांटने की राजनीति, क्या यही अखिलेश यादव के समरसता का दावा है? क्या यही पीडीए (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) है? उन्होंने कहा कि सपा का चरित्र और चेहरा दोनों बेनकाब हो चुका है। इससे पहले केशव मौर्य ने सपा के पीडीए के नारे पर इसे 'परिवार डेवलपमेंट एजेंसी' का नाम दिया। उन्होंने कहा कि सपा का असल मकसद पारिवारिक विस्तार करना है और आगामी उपचुनाव में सपा की ओर से घोषित प्रत्याशियों में केवल परिवार के लोग ही दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का विकास मॉडल जनता को समझ में आता है जबकि सपा का पीडीए केवल पारिवारिक विकास का प्रतीक है।

मायावती बोलीं- भाजपा और सपा के नारेबाजी को फिजूल
इस पोस्टर वार में बसपा सुप्रीमो मायावती की अपनी प्रतिक्रिया दे चुकी हैं। उन्होंने भाजपा-सपा के नारेबाजी को फिजूल बताते हुए कहा कि बसपा का मकसद सच्चे विकास को आगे बढ़ाना है। उन्होंने बयान दिया कि बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे और सुरक्षित रहेंगे। मायावती ने जनता से बसपा का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने दोनों दलों के नारों को जनता का ध्यान भटकाने का तरीका बताया और बसपा के साथ आने पर अधिक सुरक्षित और उन्नति का वादा किया।

9 का संदेश 27 का जनादेश पीडीए के अखिलेश
इससे पहले शनिवार को एक अन्य पोस्टर के जरिए सपा की ओर से उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशियों की जीत का दावा किया गया। वाराणसी के सपा नेता किशन सेठ की ओर से लगवाए गए पोस्टर में कहा गया, '9 का संदेश 27 का जनादेश पीडीए के अखिलेश।' इस पोस्टर में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर भी लगाई गई।

इन पोस्टर की भी रही चर्चा
इससे पहले सपा नेता विजय प्रताप यादव की ओर से राजभवन चौराहे से सपा मुख्यालय की ओर जाने वाली सड़क पर पोस्टर में अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ लिखा गया 'जुड़ेंगे तो जीतेंगे।' इसके अलावा अमित चौबे की ओर से लगवाया गया पोस्टर 'न कटेंगे न बटेंगे, पीडीए संग रहेंगे' भी चर्चा में रहा। इसके जरिए सपा ने भाजपा पर जोरदार पलटवार किया। इसके जरिए सपा ने संदेश देने की कोशिश की, कि पार्टी पीडीए के तहत एकजुट है और भाजपा के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत बना रही है।

निषाद पार्टी भी पोस्टर वॉर में कूदी
इसके अलावा सत्तापक्ष की ओर से एनडीए की सहयोगी निषाद पार्टी भी पोस्टर वॉर में कूद चुकी है। पार्टी अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने '27 का नारा, निषाद है सहारा' लिखे पोस्टर लगाए हैं, जो लखनऊ की सड़कों पर चर्चा का विषय बने रहे। सपा के '27 का सत्ताधीश' नारे के जवाब में ये पोस्टर लगाए गए, जिसमें संजय निषाद को '27 का खेवनहार' बताया गया है। भाजपा ने उपचुनाव में निषाद पार्टी को एक भी सीट नहीं दी है।

पोस्टर वॉर से गरमाया सियासी माहौल
इस तरह प्रदेश में उपचुनाव से पहले पोस्टर वॉर ने एक अलग सियासी माहौल बना दिया है। एक ओर भाजपा, सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हिंदुओं को एकजुट करने के लिए नारा दे रही है तो वहीं सपा खुद को सामाजिक न्याय और दलितों, पिछड़ों की सबसे बड़ी पैरोकार के रूप में दिखाने की कोशिश में है। ऐसे में पोस्टर युद्ध के इस दौर में उपचुनावों का रुख और दिलचस्प होने की संभावना है।

 

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