यूपी उपचुनाव : सीएम योगी आज भाजपा मुख्यालय में तैयारियों का लेंगे फीडबैक, इंडिया गठबंधन में अब तक नहीं बनी बात

UPT | UP By Election

Oct 07, 2024 09:16

भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आज सोमवार को अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में सरकार और संगठन के स्तर पर उपचुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा की जाएगी, साथ ही जरूरी दिशा निर्देश दिए जाएंगे। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे। 

Lucknow News : प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल अब तेज हो गई है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा जहां बीते दिनों रणनीतिक दलों के साथ बैठक कर चुके हैं। वहीं सभी दल अपने स्तर पर उपचुनाव की रणनीति को धरातल पर सफल बनाने के लिए जुटे हैं। सत्तारूढ़ दल से लेकर विपक्ष पहले से ही उपचुनाव की तैयारी में जुट चुका है। अब इसमें और तेजी देखने को मिल रही है। 

सरकार और संगठन की प्रदेश मुख्यालय में उपचुनाव पर होगी चर्चा
इस कड़ी में भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आज सोमवार को अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक में सरकार और संगठन के स्तर पर उपचुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा की जाएगी, साथ ही जरूरी दिशा निर्देश दिए जाएंगे। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे। 



सीएम योगी अपने सरकारी आवास में कर चुके हैं बैठकें
साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बैठक में विशेष तौर पर शामिल होंगे। सीएम योगी अपने सरकारी आवास पर उपचुनाव को लेकर कई बैठकें कर चुके हैं। लेकिन, इस बार पर वह पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पहुंचकर इस रणनीति पर चर्चा करेंगे। इस तरह सरकार और संगठन दोनों मिलकर उपचुनाव की तैयारियों का जायजा ​लेगे। अभी तक की तैयारियों का फीडबैक लिया जाएगा और जो कमी होगी, उसे दूर करने के दिशा निर्देश दिए जाएंगे।  

लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराने का विपक्ष पर दबाव
इस बीच लोकसभा चुनावों में मिली सफलता के बाद ये उपचुनाव इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया गठबंधन के लिए अहम लिटमस टेस्ट साबित हो सकते हैं। इस बार लोकसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन यूपी में सबसे ज्यादा 37 सीटें जीतने में सफल रहा था। इसमें कांग्रेस को 6 सीटें मिली थीं। वहीं भाजपा उम्मीदवार 33 सीटों पर विजयी हुए थे। उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने दो और अपना दल (एस) ने एक सीट हासिल की। एक सीट पर आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर ने धमाकेदार जीत दर्ज की।

एकजुटता ही होगी परीक्षा
ऐसे में उपचुनाव को कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की एकजुटता की परीक्षा के तौर पर भी देखा जा रहा है। कांग्रेस ने पांच सीटों पर दावा जताया है। पार्टी की प्रदेश इकाई इसका प्रस्ताव पहले ही केंद्रीय नेतृत्व को भेज चुकी है। हालांकि अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के मुताबिक उपचुनाव वाली सभी 10 सीटों पर हम "संविधान बचाओ सम्मेलन" आयोजित करने जा रहे हैं। इन सम्मेलनों के माध्यम से कांग्रेस जनता से जुड़ने का प्रयास कर रही है। उनका कहना है कि पार्टी ने इन सीटों पर प्रभारी और पर्यवेक्षक नियुक्त कर काम शुरू कर दिया है।

इन सीटों पर होने हैं उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की जिन सीटों पर उपचुनाव होंगे, उनमें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मिल्कीपुर (अयोध्या), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मीरजापुर), सीसामऊ (कानपुर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज), और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं। इन सीटों में से नौ लोकसभा चुनावों में इनके विधायकों के सांसद बनने के कारण खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ सीट पर आपराधिक मामले में विधायक की सदस्यता रद्द की गई है।

कांग्रेस का इन पांच सीटों पर दावा
कांग्रेस ने उपचुनावों में पांच सीटों पर दावा किया है। अजय राय के अनुसार, मझवां (मीरजापुर), फूलपुर (इलाहाबाद), गाजियाबाद, खैर (अलीगढ़) और मीरापुर (मुजफ्फरनगर) पर पार्टी चुनाव लड़ने का इरादा रखती है। उन्होंने कहा कि पार्टी का मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना है, और इन सीटों पर कांग्रेस की जीत का प्रयास रहेगा।

सपा-कांग्रेस में शीर्ष नेतृत्व पर बात तय होने का इंतजार
अजय राय का कहना है कि हम सिर्फ उन पांच सीटों पर दावा कर रहे हैं, जो भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास रही हैं। इसके लिए हम तैयारियों में जुट चुके हैं। अब अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व को ही लेना है। वहां से हरी झंडी मिलते ही अब आगे की रणनीति पर जुट जाएंगे। उधर सपा में भी पहले से तैयारी तेज है। कुछ सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा भी हो चुकी है। पार्टी नेताओं के मुताबिक गठबंधन को लेकर अंतिम निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव करेंगे। प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के मुताबिक हम उपचुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और हमारा उद्देश्य गठबंधन के साथ मिलकर सभी सीटों पर जीत हासिल करना है। 

बसपा की भी तैयारी
इस बीच उपचुनाव में पहली बार उतरने वाली बसपा पर भी सभी की नजरें टिकी हुई हैं। पार्टी सुप्रीमो मायावती इस संबंध में कई बैठकें कर दिशा निर्देश दे चुकी हैं। पार्टी विरोधी दलों के उम्मीदवार को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति पर काम कर रही है।  

उपचुनाव वाली सीटें
  • करहल विधानसभा सीट सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद चुने जाने के कारण रिक्त हुई है।
  • कटेहरी सीट सपा नेता लालजी वर्मा के अंबेडकर नगर से लोकसभा में चुने जाने के बाद खाली हुई है।
  • मिल्कीपुर सीट भी सपा के अवधेश प्रसाद के लोकसभा के लिए अयोध्या से चुने जाने के बाद रिक्त हुई।
  • संभल लोकसभा सीट से सांसद चुने गए सपा नेता जिया उर रहमान बर्क के मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट खाली हो गई है।
  • राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान ने बिजनौर से लोकसभा में चुने जाने के बाद मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया।
  • गाजियाबाद विधानसभा सीट भाजपा के अतुल गर्ग के लोकसभा चुनाव में गाजियाबाद सीट से विजयी होने के बाद खाली हुई है।
  • भदोही से सांसद बनने के बाद भाजपा के विनोद कुमार बिंद ने मीरजापुर की मझवां सीट खाली कर दी।
  • भाजपा नेता अनूप सिंह उर्फ अनूप प्रधान बाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा सीट जीतने के बाद अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया।
  • भाजपा के प्रवीण पटेल ने फूलपुर लोकसभा सीट से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है, जिसके कारण इस सीट पर उपचुनाव होगा।

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