यूपी सरकार का बड़ा एक्शन : डीआईजी जुगल किशोर निलंबित, जानें क्या है पूरा मामला

UPT | डीआईजी जुगल किशोर तिवारी।

Jul 11, 2024 00:51

डीजीआई के फैसले के खिलाफ याचिका होने के बाद डीजीपी मुख्यालय ने जांच शुरू की थी और जुगल किशोर को दोषी माना। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा गया। अब इसी आधार पर उन्हें निलंबित किया गया है।

Lucknow News : प्रदेश सरकार ने एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। वर्ष 2008 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और डीआईजी फायर के पद पर तैनात जुगल किशोर तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। आचरण नियमावली का पालन नहीं करने की वजह से उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है। आईपीएस अफसर जुगल किशोर पर आरोप है कि उन्होंने फायर विभाग के ड्राइवर के खिलाफ पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के मुताबिक एक्शन लेने के बजाय उसे नियमों से परे जाकर लाभ पहुंचाया।

पुलिस अधीक्षक ने दिया था चालक को दंड
प्रकरण में बताया जा रहा है कि उन्नाव जनपद में तैनात फायर विभाग का ड्राइवर-कॉन्स्टेबल बीमारी की वजह से कई दिन ड्यूटी से गायब रहा था। उसने इस संबंध में अधिकारियों को अवगत भी नहीं कराया। बिना अनुमति के ड्यूटी से गायब रहने की वजह से उसे एक साथ दो सजा दी गई थी। चालक को तीन साल के लिए न्यूनतम वेतन दिया गया और साथ ही छुट्टी की अवधि में लीव विदाउट पेमेंट दिया गया। करीब डेढ़ साल पहले के इस मामले में उन्नाव के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने चालक को दंड दिया था। इसके बाद विभाग के डीआईजी जुगल किशोर से अपील की गई। इस पर डीआईजी जुगल किशोर ने एक अपराध में दो सजा नहीं देने के सिद्धांत का हवाला देते हुए संबंधित चालक को क्लीन चिट दे दी थी।

डीजीपी मुख्यालय ने की मामले की जांच
इस मामले में याचिका होने के बाद डीजीपी मुख्यालय ने जांच शुरू की थी और जुगल किशोर के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा था। अब इसे लेकर उन्हें निलंबित किया गया है। इस प्रकरण को लेकर जुगल किशोर ने कहा कि उन्होंने नियमों के मुताबिक ही काम किया है। उन्होंने उचित फोरम में अपनी बात रखने को बोला है। 

अपराधियों के खिलाफ एक्शन को लेकर चर्चा रहे जुगल किशोर 
जुगल किशोर लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, चित्रकूट, बहराइच, गाजीपुर और बांदा में पुलिस कप्तान रह चुके हैं। चित्रकूट में उनकी तैनाती के दौरान 16 जून 2009 को दुर्दांत डकैत घनश्याम केवट का एनकाउंटर काफी सुर्खियों में रहा था। पाठा के जंगलों में इसके लिए पुलिस ने तीन दिनों तक अभियान चलाकर अपने ऑपरेशन को अंजाम दिया था। जुगल किशोर की तैनाती के दौरान बीहड़ में डकैत खुलकर सक्रिय नहीं हो सके। माफिया अतीक अहमद के वहां 2007 में अपने एक्शन को लेकर भी जुगल किशोर काफी चर्चा में रहे थे। इस दौरान उन्होंने कई सामान बरामद करके पुलिस कस्टडी में जमा करवाया। अतीक के खिलाफ पुलिस की इस कार्रवाई की काफी चर्चा हुई थी। 

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