मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इस कार्रवाई की नौकरशाही में काफी चर्चा हो रही है। इस मामले में कई अन्य दोषियों पर भी गाज गिरने की संभावना है। प्रकरण में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में घोटाले और अनियमितताओं के आरोप सामने आए थे। जांच के दौरान इन अधिकारियों की लापरवाही और संलिप्तता पाई गई, जिसके आधार पर यह निलंबन हुआ।