UP News : प्री-प्राइमरी स्कूलों में बनाए जाएंगे लर्निंग कॉर्नर, खेल-खेल में सीखेंगे बच्चे

UPT | प्री-प्राइमरी स्कूलों में बनाए जाएंगे लर्निंग कॉर्नर।

Sep 14, 2024 17:10

यूपी में प्री-प्राइमरी स्कूलों में अब बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 9900 स्कूलों को करीब आठ करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया है।

Lucknow News : उत्तर प्रदेश के सरकारी प्री-प्राइमरी स्कूलों में अब बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 9900 स्कूलों को करीब आठ करोड़ रुपये का अनुदान प्रदान किया है। इस अनुदान का उद्देश्य स्कूलों में चार अलग-अलग लर्निंग कॉर्नर तैयार करना है, जिससे बच्चों को मनोरंजक और रचनात्मक ढंग से शिक्षा दी जा सके।

चार लर्निंग कॉर्नर होंगे तैयार
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी प्री-प्राइमरी स्कूलों में जल्द से जल्द चार लर्निंग कॉर्नर स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए प्रत्येक स्कूल को 8 हजार 110 रुपये की धनराशि दी गई है, जिससे इन लर्निंग कॉर्नर के लिए आवश्यक सामग्री खरीदी जा सकेगी। इन कॉर्नर में बच्चों के लिए फल, फूल, सब्जियों की प्लास्टिक आकृतियां, खिलौने, और छोटे घरेलू सामान जैसे रसोई के बर्तन, डॉक्टर के उपकरण आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। इसका उद्देश्य है कि निजी स्कूलों की तरह, बच्चों को सीखने की प्रक्रिया को रोचक और व्यावहारिक बनाया जाए।

हर कॉर्नर में सीखने का अलग अंदाज
पहले कॉर्नर में चित्रों वाली किताबें, रंग-बिरंगे तकिए, स्लेट और पोस्टर लगाए जाएंगे। यहां बच्चे रंगों और चित्रों के माध्यम से अक्षरों को पहचानने की शुरुआत करेंगे और धीरे-धीरे लिखने-पढ़ने की ओर अग्रसर होंगे। सरल भाषा और चित्रात्मक तरीके से बच्चों को अक्षर ज्ञान दिया जाएगा। इसके बार आर्ट्स कॉर्नर बच्चों की सृजनशीलता और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करेगा। इस कॉर्नर में आर्ट शीट्स, रंग-बिरंगी पेंसिल, कैंची, ग्लू, टूथ ब्रश और छोटे तौलियों जैसी सामग्री उपलब्ध होगी। इस कॉर्नर का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कला से परिचित कराने के साथ-साथ उनकी दिनचर्या में स्वच्छता की आदतें विकसित करना होगा। जैसे सुबह उठकर ब्रश करना और साफ-सुथरे कपड़े पहनना सिखाया जाएगा।

मानसिक विकास पर केंद्रित शिक्षा  
ब्लॉक्स कॉर्नर बच्चों के मानसिक विकास पर केंद्रित होगा। इस कोने में रंग-बिरंगे प्लास्टिक और लकड़ी के ब्लॉक्स होंगे, जिनमें हिंदी और अंग्रेजी के अक्षर और अंक लिखे होंगे। इसके अलावा बच्चों को चित्र पहेलियों के माध्यम से भी सिखाया जाएगा, ताकि उनका ध्यान केंद्रित हो सके और उनकी तर्क शक्ति में सुधार हो। इस कोने में फल, फूल और सब्जियों की प्लास्टिक की आकृतियों के सेट, गुड़िया, गुड्डे, शीशा, कंघा और अन्य घरेलू सजावट की सामग्री रखी जाएगी। इसका उद्देश्य बच्चों को रोजमर्रा की चीजों की पहचान सिखाना और कहानियों के माध्यम से उन्हें नैतिक शिक्षा देना है। गुड़िया-गुड्डे का खेल खेलते हुए बच्चे कहानियों का आनंद लेंगे और सीखेंगे।

बच्चों के व्यक्तित्व विकास पर फोकस 
प्रदेश सरकार की शुरू की गई इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों के व्यक्तित्व का समग्र विकास करना है। इसके माध्यम से बच्चों को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि वे खेल-खेल में जीवन के महत्वपूर्ण कौशल सीखेंगे। इस पहल से न सिर्फ उनका शैक्षिक विकास होगा, बल्कि वे आत्मविश्वासी और रचनात्मक भी बनेंगे।यह योजना राज्य सरकार की प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे सरकारी प्री-प्राइमरी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार होगा और बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर मिलेंगे।

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