विनियमित होने वाले कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्च का भार राज्य सरकार के बजट पर न पड़े, इसलिए यह तय किया गया है कि इन कर्मचारियों के खर्च का वहन संबंधित शहरी निकाय ही करेंगे। इससे सरकार पर वित्तीय भार नहीं पड़ेगा और वित्त विभाग की मुख्य आपत्ति भी समाप्त हो जाएगी।