UPPCL : घटिया स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियों को किया जाए ब्लैक लिस्टेड, बिलिंग सॉफ्टवेयर को दुरुस्त करनेे की मांग

UPT | smart meter

Jan 11, 2025 20:12

उपभोक्ताओं ने यह मुद्दा भी उठाया कि बिना फील्ड इंस्टॉलेशन एंड इंटीग्रेशन टेस्ट (FIIT) और साइट स्वीकृति परीक्षण (SAT) पास किये जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए जा रहे हैं, उस पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन गंभीरता से विचार करें, क्योंकि बिना टेस्टेड मीटर उपभोक्ताओं के घर में लगाया जाना गलत है।

Lucknow News : प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के घर पर लगाने का काम तेजी से जारी है। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) इसके आंकड़ों के जरिए जहां अपनी पीठ खुद थपथपाने में लगा है। वहीं सच्चाई ये है कि उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी करने वाली मीटर कंपनियों को मनमानी करने पर छोड़ दिया गया है। हालत ये है ​कि जांच की कसौटी पर परखे बिना ये मीटर उपभोक्ताओं के घरों पर धड़ल्ले से लगाए जा रहे हैं। इससे दोहरा नुकसान हो रहा है। एक तरफ जहां विभाग को आर्थिक चपत लग रही है, वहीं उपभोक्ताओं का शोषण हो रहा है। इसी तरह बिलिंग सॉफ्टवेयर की खामियों को भी अब तक दुरुस्त नहीं करने से उपभोक्ता नाराज हैं।

बिलिंग सॉफ्टवेयर की खामी से किसान नहीं उठा पा रहे योजना का लाभ
प्रदेश के कई जनपदों से जुड़े विद्युत उपभोक्ताओं, किसानों ने उपभोक्ता परिषद के साप्ताहिक वेबिनार में बड़ा मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन का जो बिलिंग सॉफ्टवेयर है, उसमें व्यवस्था है कि रीडिंग के आधार पर ही बिल में कोई संशोधन किया जाए। वहीं जो किसान फ्री बिजली योजना का लाभ लेना चाहते हैं और उनका बिजली का बिल 31 मार्च 2023 के पहले गलत बना था, सॉफ्टवेयर में व्यवस्था नहीं होने के चलते उनके बिल में संशोधन नहीं हो पा रहा है। इस वजह से वह लगातार बिजली दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।



उपभोक्ता परिषद यूपीपीसीएल प्रबंधन से करेगा बात
उपभोक्ता परिषद की इस प्रकरण को लेकर पावर कारपोरेशन प्रबंधन से बातचीत हो चुकी है। संगठन ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि वह इस बारे में एक बार फिर प्रबंधन के सामने बात कर मुद्दे को उठाएगा। उपभोक्ता परिषद की पूरी कोशिश होगी कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जा सके, जिससे प्रदेश के लाखों किसानों का बिजली का जो बिल 31 मार्च 2023 के पहले गलत बना था, उसमें संसोधन किया जा सके और वह भुगतान करने के बाद किसान फ्री बिजली योजना का लाभ ले पाए।

FIIT और SAT किए बिने लगाए जा रहे घटिया स्मार्ट प्रीपेड मीटर
इस दौरान उपभोक्ताओं ने यह मुद्दा भी उठाया कि बिना फील्ड इंस्टॉलेशन एंड इंटीग्रेशन टेस्ट (FIIT) और साइट स्वीकृति परीक्षण (SAT) पास किये जो स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए जा रहे हैं, उस पर पावर कारपोरेशन प्रबंधन गंभीरता से विचार करें, क्योंकि बिना टेस्टेड मीटर उपभोक्ताओं के घर में लगाया जाना गलत है। जब सभी टेस्ट में स्मार्ट प्रीपेड मीटर पास हो जाए तभी इसे उपभोक्ताओं के घर में लगाया जाना चाहिए। यूपीपीसीएल के इस मुद्दे की अनदेखी से पूरे प्रदेश के उपभोक्ताओं में भारी रोष है। आने वाले समय में उपभोक्ताओं की नाराजगी का खामियाजा सरकारों को उठाना पड़ सकता है। इसलिए सरकार की छवि धूमिल नहीं करते हुए टेस्टेड मीटर ही उपभोक्ताओं के परिसर पर लगाए जाए। प्रदेश में अब तक लगभग पांच लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के घर पर लगाए जा चुके हैं। मॉडल स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट की धारा के तहत कुल मीटर का 5 प्रतिशत या 25000 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने पर, जो पहले हो उसके बाद साइट स्वीकृति परीक्षण (SAT) पास करना अनिवार्य होगा। वहीं इस एसएटी टेस्ट के पहले फील्ड इंस्टॉलेशन एंड इंटीग्रेशन टेस्ट (FIIT) पास करना जरूरी है।

उपभोक्ताओं की समस्याओं पर नहीं हो रही कार्रवाई
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन हर महीने जितनी समीक्षा बैठक करता है, यदि उसे जोड़ लिया जाए तो रिकॉर्ड बन जाएगा। लेकिन, उपभोक्ताओं की समस्याओं पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं हो रही है। प्रबंधन को इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। बिलिंग सॉफ्टवेयर, स्मार्ट प्रीपेड मीटर सहित सभी मामलों पर ईमानदारी से बिजली प्रबंधन को काम करना होगा। उन्होंने घटिया मीटर कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए काली सूची में डालने की मांग की, जिससे उपभोक्तओं के हित में एक नजीर बन सके।
 

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