डालीगंज पुल के पास ऐसे ठेलों की कतार सज जाती है। लोगों की भीड़ इन्हें घेरे रहती है। यहीं पर ठेला लगाने वाले सुरेश बताते हैं कि कुछ दिनों की कमाई है, इसका पूरा फायदा उठा लेना है। नवरात्र से लेकर फरवरी तक सीजन चलता है। इस बार थोड़ा लेट हो गया। व्रत का आटा बनाने के लिए भी सिंघाड़ों का इस्तेमाल होता है।