भीषण गर्मी में बम की तरह फट रहे बिजली के उपकरण : बरतें सावधानी, इन बातों का रखें ध्यान

फ़ाइल फोटो | मेरठ में एसी कंप्रेशर में लगी आग।

Jun 03, 2024 00:05

दो लाइन तारों के बीच इंसुलेशन कमजोर हो जाने से वह परस्पर संपर्क में जाते हैं। जिससे आग लगने की संभावना बढ़ती है। इस स्थिति में एसी कंप्रेशर और ​फ्रिज कंप्रेशर गर्मी में...

Short Highlights
  • मेरठ में कई स्थानों पर हो चुकी है एसी फटने की घटनाएं
  • घर में लगे बिजली उपकरण भी गर्मी के कारण बम की तरह फट रहे
  • गर्मी में फ्रिज, एसी और इंनवर्टर बैटरी के प्रति सतर्कता बरते
Meerut News : इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। इस भीषण गर्मी में बिजली के उपकरण बम की तरह फट रहे हैं। जिसके चलते कई जगह आग लगने की घटनाएं भी सामने आई हैं। मेरठ में एसी फटने की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। जबकि गाजियाबाद में गर्मी के चलते वाशिंग मशीन जलने और नोएडा में कई स्थानों पर एसी फटने की घटनाएं सामने आई हैं। गनीमत रही कि इन हादसों में ​किसी के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।  

इसलिए होता है गर्मी में अधिक शार्ट सर्किट 
गर्मी में शार्ट सर्किट और बिजली के उपकरणों के फटने के मामले अधिक आते हैं। इसका प्रमुख कारण शार्ट सर्किट माना जाता है। तेज गर्मी में जब विद्युत उपकरणों पर लोड अधिक होता है तो दो लाइन तारों के बीच इंसुलेशन कमजोर हो जाने से वह परस्पर संपर्क में जाते हैं। जिससे आग लगने की संभावना बढ़ती है। इस स्थिति में एसी कंप्रेशर और ​फ्रिज कंप्रेशर गर्मी में गैस के दबाव के कारण गर्म होकर फट जाते हैं। गर्मी में बैटरी में भरा पानी तेजी से खत्म होता है। ऐसी स्थिति में बैटरी के अंदर की प्लेटे सूख जाती है। जिससे वो गर्मी में अधिक गर्म होती है। इस कारण बैटरी भी अधिक गर्मी पड़ने पर फट जाती है।  

तारों का जंजाल गर्मी में बनता है शार्ट सर्किट का कारण 
गर्मी में अधिकांश विद्युत हादसों का कारण तारों का जंजाल बनता है। मेन स्विच से तारों को व्यवस्थित तरीके से ले जाना चाहिए। बिजली के तारों का जंजाल होने से शार्ट सार्किट की प्रबल संभावना होती है। तारों के बीच ज्वाइंट पूरी तरह टाइट होने चाहिए। ढीले होने पर गर्मी में तेज तापमान के कारण स्पार्किंग होती है और आग लगने की संभावना होती है।

विद्युत उपकरणों पर लोड के अनुसार तार
इसके अलावा विद्युत उपकरणों पर लोड के अनुसार तार, स्विच और साकेट का चयन करना चाहिए। यह आइएसआइ मार्क के हों। अगर लोड अधिक है तार उपयुक्त साइज का नहीं है तो गर्म होकर जलने की संभावना होती है। एसी और अन्य बिजली के उपकरणों की केबल कट होने से शार्ट सर्किट होता है। करंट लगने की डर रहता है। पुराने बिजली के स्विच को बार-बार आन आफ करने से स्पार्किंग होती है। ऐसी और फ्रिज को बिना स्टेप लाइजर के चलाने से वोल्टेज में उतार चढ़ाव आने से आग लगने की संभावना होती है। उपकरण क्षतिग्रस्त होता है।

विद्युत उपकरणों में आग लगने पर ऐसे करें बचाव
विद्युत उपकरणों में उच्च करंट प्रवाहित होता है। ऐसे में शार्ट सर्किट ब्रेकर के रूप में प्रयोग होता है। जरा सा शार्ट सर्किट होने पर तुरंत आग लगती है। ऐसी स्थिति में प्रतिष्ठानों में अग्निशमन उपकरण और बाल्टियों में बालू रखनी चाहिए। दो तारों के बीच जोड़ और स्विच में तारों को सख्ती के साथ बांधना चाहिए। तारों को परस्पर जोड़ने के बाद उन पर टेप लगना चाहिए। प्लग, साकेट और तार अच्छी गुणवत्ता के होने चाहिए। मुख्य बोर्ड से जाने वाला केबल कटा नहीं होना चाहिए। इसमें जोड़ भी नहीं होने चाहिए। अर्थिंग अच्छी होनी चाहिए। समय अर्थ पिट में पानी देते रहना चाहिए। जहां पर तार हों या उपकरण लगा हो वहां पर सीलन नहीं होनी चाहिए।

चूहें का ध्यान रखना चाहिए
वायरिंग व्यवस्थित होनी चाहिए। जहां एसी, फ्रिज जैसे हेवी लोड वाले उपकरण हों उनकी लीड और वायरिंग को जांच करते रहना चाहिए। चूहें का ध्यान रखना चाहिए। कई बारी चूहे इंसुलेशन कुतर देते हैं। वोल्टेज में उतार चढ़ाव होने पर एमसीबी या मेन स्विच को बंद करना चाहिए। जब वोल्टेज सही हो तभी उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। 

Also Read