Meerut News: दो दिन हुई बारिश से मेरठ सहित पूरे एनसीआर की हवा में सुधार आया है। मेरठ, गाजियाबाद, दिल्ली, नोएडा और हापुड का वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्थिति से समान्य स्थिति में आ गया है। मेरठ का एक्यूआई आज शनिवार की सुबह 80 दर्ज किया। जबकि गाजियाबाद का एक्यूआई 110, नोएडा का एक्यूआई 102 बताया जा रहा है।
तमाम इंतजाम के बाद भी बढ़ रहा था प्रदूषण
इस बार तमाम इंतजाम के बाद भी प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा था। ग्रेप सिस्टम लागू करने के बाद भी मेरठ सहित पश्चिम यूपी और एनसीआर की हवा में सुधार नहीं हो रहा था। बीते दिनों आसमान से बारिश की रहमत हुई तो हवा की सेहत में जबरदस्त सुधाार हुआ। जो एक्यूआई 250 से 350 के बीच था वह घटकर 200 के नीचे आ गया।
प्रदूषण के मामले में मेरठ तीसरे नंबर पर
वायु प्रदूषण के मामले में मेरठ तीसरे नंबर पर है। कई बार बढ़ते प्रदूषण के कारण मेरठ देश के टॉप टेन शहरों में पहले नंबर पर पहुंच गया था। अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और जनवरी में मेरठ प्रदूषण मानक कई गुना ज्यादा रहे। मेरठ में करीब 110 दिन शहरवासियों को दूषित हवा में सांस लेनी पड़ी। ऐसे ही गाजियाबाद और एनसीआर के अन्य शहरों की हवा में सुधार हुआ। जिससे एक्यूआई 200 के नीचे है।
हवा में मौजूद इन कणों को एरोसोल या एयर मॉल्यूक्यूल्स कहते है
मौसम वैज्ञानिक डॉ. सूरज देव का कहना है कि आमतौर पर जब बारिश होती है तो हवा में मौजूद धूल कण उसकी ओर आकर्षित होकर जैल बना लेते हैं। हवा में मौजूद इन कणों को एरोसोल या एयर मॉल्यूक्यूल्स कहा जाता है। इन कणों में कालिख, सल्फेट्स और कई तरह के कार्बनिक कण होते हैं। ये कण वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार होते हैं। बारिश की बूंदें और एरोसोल आपस में आकर्षित होकर जुड़कर धरती पर गिरते है। फिर पानी के साथ बह जाते हैं या धऱती इन्हें सोख लेती है। इसके बाद वायुमंडल काफी हद तक साफ हो जाता है। जिससे एक्यूआई में कमी आती है।