Meerut News : आरटीओ हो या नगर निगम यहां तो तहसील में है दलाल राज, बिना रिश्वत नहीं होता कोई काम

UPT | मेरठ के सरकारी दफ्तरों में दलालों के जरिये भ्रष्टाचार फैल रहा

Jul 13, 2024 10:07

सहारनपुर की कार्रवाई में 19 दलाल के पकड़े जाने के बाद मेरठ के सरकारी दफ्तर में हड़कंप मचा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद जिला प्रशासन दलाल और विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है।

Short Highlights
  • बिना पैसा दिए आरटीओ विभाग और निगम में नहीं होता काम 
  • सरकारी विभाग में बाहरी लोग कम्प्यूटर आपरेटर बन कर रहे काम
  • आरटीओ, नगर निगम और तहसील में दलालों का बोलबाला
Meerut News : मेरठ के सरकारी दफ्तरों में दलालों के जरिये भ्रष्टाचार फैल रहा है। आरटीओ, नगर निगम और तहसील में दलालों का राज चलता है। आलम है कि आरटीओ और नगर निगम में बाहरी लोगों को कंप्यूटर ऑपरेटर बनाकर रखा गया है। जो रिश्वत लेकर काम कराते हैं। बता दें सहारनपुर की कार्रवाई में 19 दलाल के पकड़े जाने के बाद मेरठ के सरकारी दफ्तर में हड़कंप मचा हुआ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद जिला प्रशासन दलाल और विभागीय अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है।

आने वाले लोगों से काम करवाने के नाम पर पैसे लेते हैं
मेरठ के आरटीओ दफ्तर के बाहर, नगर निगम, सदर तहसील, मवाना और सरधना तहसील परिसर में दिनभर ऐसे लोग घूमते हैं। जो आने वाले लोगों से काम करवाने के नाम पर पैसे लेते हैं। दलालों के संबंध सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों से होते हैं। दलालों के कहने पर अधिकारी फाइल को आगे बढ़ाते हैं। यानि बिना जांच पड़ताल के काम होता है। आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आम जनता को ये दलाल लूट रहे हैं। इसके अलावा वाहनों की फिटनेस जांच में बड़ा खेल ये बिचौलिये कर रहे हैं। आरटीओ के अधिकारी इन दलालों के सिफारिश पर तुरंत फाइलों को और काम को आगे बढ़ाते हैं। जबकि आम आदमी अपने लाइसेंस के लिए कई दिनों तक भटकता रहता हैं।

निगम में बाहरी लोगों को सेलरी पर रखा
मेरठ नगर निगम के निर्माण विभाग, जलकल और अन्य विभाग में बाहरी लोगों को सेलरी पर रखा हुआ है। इनमें अधिक संख्या में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात हैं। इन दलालों की जड़ें सरकारी दफ्तरों में काफी गहरी हैं। नगर निगम में अभी एक एनआरआई महिला की मां के मृत्यु प्रमाणपत्र का मामला सामने आया था। जिसमें तीन बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। इस बारे में मामला अधिकारियों के सामने आया तो इस पर लीपापोती कर दी गई। 

मेरठ डीएम दीपक मीणा का कहना है
इस बारे में मेरठ डीएम दीपक मीणा का कहना है कि इस बारे में जांच कराई जाएगी। आरटीओ, नगर निगम और तहसील के अलावा अन्य विभागों में पता लगाया जाएगा। ​अगर किसी कर्मचारी या अधिकारी से दलालों से संबंध पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।  

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