जेफी इंफ्राटेक के खरीदारों को झटका : फ्लैट की रीसेल पर देनी होगी भारी-भरकम फीस, 15 गुना बढ़ा ट्रांसफर चार्ज

UPT | जेफी इंफ्राटेक के खरीदारों को झटका

Nov 12, 2024 14:51

जेपी इंफ्राटेक के 22,000 से अधिक बायर्स को एक और आर्थिक झटका लगा है। सुरक्षा कंपनी ने फ्लैट के रीसेल पर ट्रांसफर चार्ज में भारी वृद्धि की है।

Short Highlights
  • जेफी इंफ्राटेक के खरीदारों को झटका
  • रीसेल पर देनी होगी भारी-भरकम फीस
  • 15 गुना बढ़ गया है ट्रांसफर चार्ज
Noida News : जेपी इंफ्राटेक के 22,000 से अधिक बायर्स को एक और आर्थिक झटका लगा है। सुरक्षा कंपनी ने फ्लैट के रीसेल पर ट्रांसफर चार्ज में भारी वृद्धि की है, जो पहले 29,500 रुपये फिक्स था, अब उसे 413 रुपये प्रति स्क्वायर फीट कर दिया गया है। इस बदलाव से बायर्स की परेशानी बढ़ गई है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास बड़े फ्लैट हैं। उदाहरण के लिए, 1500 स्क्वायर फीट के फ्लैट पर अब लगभग 1 लाख रुपये अतिरिक्त ट्रांसफर चार्ज चुकाना पड़ेगा, जो पहले के मुकाबले 15 गुना अधिक है।

रीसेल मार्केट पर गहरा असर
इस भारी ट्रांसफर चार्ज से फ्लैटों की रीसेल मार्केट पर गहरा असर पड़ा है। बायर्स और खरीदार दोनों ही इस शुल्क का भार सहने के लिए तैयार नहीं हैं, जिससे फ्लैटों की बिक्री में कमी आई है। बायर्स का कहना है कि अन्य प्रोजेक्ट्स में ट्रांसफर चार्ज इस हद तक अधिक नहीं है, जिससे उनकी संपत्ति की बिक्री बेहद कठिन हो गई है। इस बढ़े हुए शुल्क से रीसेल मार्केट में नकारात्मक प्रभाव पड़ा है और अब खरीदार फ्लैट खरीदने से हिचकिचा रहे हैं।



पहले से लगे हैं कई चार्ज
सुरक्षा कंपनी द्वारा बढ़े हुए ट्रांसफर चार्ज का सर्कुलर जारी होते ही बायर्स में नाराजगी फैल गई। बायर्स ने इस बदलाव को न केवल अव्यवहारिक, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति पर अत्यधिक दबाव डालने वाला बताया। बायर्स संजीव साहनी ने कहा कि इस नए चार्ज का सीधा असर फ्लैट की कीमतों पर पड़ रहा है, जिससे खरीदारों की संख्या में गिरावट आई है। वहीं, बायर्स उमेश ने इस फैसले को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पहले पेनल्टी चार्ज का बोझ डाला गया था, अब ट्रांसफर चार्ज के रूप में एक और वित्तीय संकट आ गया है।

ट्रांसफर चार्ज कम करने की अपील
बायर्स ने सुरक्षा कंपनी से बढ़े हुए ट्रांसफर चार्ज को कम करने की अपील की है। उनका कहना है कि जब प्रोजेक्ट्स का विकास पूरी तरह से नहीं हुआ है, तब इस तरह के अतिरिक्त शुल्क का बोझ उन पर डालना न्यायसंगत नहीं है। बायर्स का मानना है कि यदि ट्रांसफर चार्ज को कम किया जाता है, तो रीसेल मार्केट में सुधार आएगा और बायर्स का विश्वास फिर से बहाल हो सकेगा। साथ ही, उन्हें उम्मीद है कि कंपनी इस फैसले पर पुनर्विचार करेगी और बायर्स के हित में कोई समाधान निकालेगी।

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