केएमसी अस्पताल में महिला की किडनी निकाल ली गई। इसका पता महिला को पांच साल बाद चला तो परिजनों के होश उड़ गए।
Short Highlights
बुखार होने पर भर्ती हुई थी महिला
केएमसी अस्पताल पर पहले भी लगते रहे हैं आरोप
5 साल बाद महिला को पता चला उसकी किड़नी निकाली
Meerut News : बुलंदशहर की एक महिला मेरठ के केएमसी अस्पताल में बुखार आने पर भर्ती हुई थी। आरोप है कि केएमसी अस्पताल में महिला की किडनी निकाल ली गई। इसका पता महिला को पांच साल बाद चला तो परिजनों के होश उड़ गए। अब महिला ने मेरठ के केएमसी अस्पताल और चिकित्सों पर रिपोर्ट दर्ज कराई है।
किडनी निकाले जाने का मामला बुलंदशहर और मेरठ से जुड़ा
किडनी निकाले जाने का मामला बुलंदशहर और मेरठ से जुड़ा हुआ है। जिस महिला की किडनी निकाली गई वो बुलंदशहर की रहने वाली है। जबकि महिला की किडनी मेरठ के केएमसी अस्पताल में निकाली गई। बुलंदशहर की महिला ने मेरठ के केएमसी अस्पताल पर उसकी एक किडनी निकालने का आरोप लगाया है। मामले में कोर्ट के आदेश पर छह डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
डॉक्टरों पर लगाया किडनी चोरी का आरोप
बुलंदशहर में मेरठ के केएमसी अस्पताल संचालक समेत छह पर FIR दर्ज की गई है। महिला का आरोप है कि उसको बुखार के इलाज के दौरान अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। उस दौरान केएमसी अस्पताल में उसकी किडनी निकाली गई। इसका खुलासा 5 साल बाद हुआ जब महिला ने कुछ परेशानी होने पर अपना अल्ट्रासाउंड कराया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा है।
बुलंदशहर से मानव अंग तस्करी का मामला सामने आया है। थाना नरसेना में मेरठ के केएमसी अस्पताल संचालक डॉक्टर पति-पत्नी समेत छह लोगों के खिलाफ किडनी निकालने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है। बताया जाता है कि मेरठ के छह डॉक्टर के खिलाफ किडनी निकालने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है।
ये है पूरा मामला
पीड़ित महिला का आरोप है कि 2017 में इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी एक किडनी निकाली थी। 2017 में बुलंदशहर निवासी कविता मेरठ के बागपत रोड पर केएमसी हॉस्पिटल में बुखार के दौरान भर्ती हुई थी। इस दौरान डॉक्टरों ने उसे करके उसकी एक किडनी निकाल ली। चौंकाने वाले बात यह है कि पांच साल तक महिला को इसकी जानकारी तक नहीं हुई।
साल 2022 में महिला ने अल्ट्रासाउंड कराया
बताया जाता है कि साल 2022 में महिला ने अल्ट्रासाउंड कराया तो रिपोर्ट में एक किडनी नहीं थी। जिसके बाद उसके होश उड़ गए। इसके बाद महिला ने केएमसी अस्पताल में आकर बात की तो उसकी किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद महिला ने कोर्ट की शरण ली। एसीजेएम तृतीय की कोर्ट के आदेश पर नरसेना थाने में FIR दर्ज की गई है।
मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम
पुलिस ने मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम समेत धमकी देने की धाराओं में FIR दर्ज की है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर हॉस्पिटल संचालक डॉक्टर पति-पत्नी समेत छह लोगों पर नरसेना में FIR दर्ज की है। मेरठ के जिन डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज हुआ है उनके नाम डॉ. सुनील गुप्ता MS, डॉ. अजय एन वत्स MD, डॉ. सीमा वार्ष्णेय MD, डॉ. प्रतिभा गुप्ता, डॉ. निकिता जग्गी
और डॉ. सतीश कुमार अरोरा MBBS हैं।