योगी आदित्यनाथ के सपने पर संकट : हाईकोर्ट ने नोएडा एयरपोर्ट के पास बनने वाली फिल्म सिटी पर सुनाया बड़ा फैसला

UPT | यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी

Sep 08, 2024 14:32

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी को नोएडा के सेक्टर-11 में प्रस्तावित फिल्म सिटी से तार के बाड़ को हटाने का आदेश दिया है।

Greater Noida : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी को नोएडा के सेक्टर-11 में प्रस्तावित फिल्म सिटी से तार के बाड़ को हटाने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति एमके गुप्ता और न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की खंडपीठ ने यह फैसला जेवर तहसील के रबूपुरा गांव के नौ किसानों की याचिका पर सुनाया। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत सैकड़ों एकड़ जमीन पर एक विशाल फिल्म सिटी का निर्माण प्रस्तावित है। प्रस्तावित फिल्म सिटी परियोजना में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता बोनी कपूर और आशीष भूटानी ग्रुप जैसे बड़े नाम शामिल हैं। 

भूमि विवाद में महत्वपूर्ण निर्णय
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि किसानों की कृषि भूमि को खरीदे या अधिग्रहीत किए बिना उस पर तार की बाड़ लगाकर घेराबंदी करना अनुचित है। यह फैसला किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। याचिकाकर्ता किसानों का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी ने फिल्म सिटी के लिए उनसे जमीन खरीदने की बातचीत तो शुरू की थी, लेकिन कीमत पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बावजूद, अथॉरिटी ने उनके खेतों को तार की बाड़ से घेर लिया। किसानों ने न तो जमीन का बैनामा किया है और न ही सरकार ने कोई अधिग्रहण किया है।

तार की बाड़ हटाने का निर्देश
याचिका में किसानों ने मांग की थी कि जब तक जमीन का बैनामा न हो जाए, तब तक तार की बाड़ हटा दी जाए और उनकी जमीन के कब्जे में किसी प्रकार का दखल न दिया जाए। यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के अधिवक्ता ने न्यायालय में स्वीकार किया कि जमीन का बैनामा वास्तव में नहीं हुआ है। अधिवक्ता ने बताया कि एक ओर जहां किसान बैनामा करना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर वे कई तरह की आपत्तियां भी उठा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने अभी तक जमीन का कोई अधिग्रहण नहीं किया है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, न्यायालय ने यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी को तार की बाड़ हटाने का निर्देश दिया है।

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