Ghaziabad News : फर्जी आईपीएस बनकर पुलिस आयुक्त पर बनाया घोटालेबाज दोस्त को छुडवाने का दबाव, एक गलती ने खोली पूरी पोल

UPT | गाजियाबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया फर्जी आईपीएस अपने दोस्त के साथ।

Nov 22, 2024 09:14

पुलिस आयुक्त अजय मिश्र से फर्जी आईपीएस अनिल कटियाल मुलाकात करने पहुंचा। पुलिस आयुक्त ने भी उसे वरिष्ठ अधिकारी समझकर सम्मान दिया। जब वह जाने लगा तो उसने पुलिस आयुक्त के साथ फोटो खिंचवाने के लिए कहा। इसके बाद उनको शक हो गया।

Short Highlights
  • कार्पोरेट गलियारे से लेकर आईपीएस आईएएस लॉबी तक पैठ
  • कभी धमकाकर तो कभी अपनी पहुंच दिखाकर कराए कई काम
  • मल्टीनेशनल कंपनियों में उच्च पदों पर काम कर चुका फर्जी आईपीएस 
Ghaziabad News : गाजियाबाद में पुलिस आयुक्त पर घोटालेबाज दोस्त को छुड़वाने के लिए फर्जी आईपीएस अफसर ने दबाव बनाया। इतना ही नहीं फर्जी आईपीएस ने कई अन्य पुलिस अधिकारियों को फोन कर धमकाया और उन पर भी रौब गालिब किया। लेकिन पुलिस आयुक्त से मिलने के दौरान फर्जी आईपीएस एक गलती कर बैठा और यहीं पर पुलिस को उस पर शक हो गया। पुलिस आयुक्त के निर्देश पर फर्जी आईपीएस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसको दोस्त के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। 

धोखाधड़ी के मामले को खत्म कराने के लिए दबाव बनाया
पुलिस आयुक्त कार्यालय में तैनात एसआई कृष्ण कुमार शर्मा व डीसीपी ट्रांस हिंडन के पीआरओ नीरज राठौर को फोन कर धमकाने वाले फर्जी आईपीएस अनिल कटियाल व उसके साथी विनोद कपूर को गिरफ्तार कर लिया है। फर्जी आईपीएस अनिल कटियाल जीके फर्स्ट न्यू दिल्ली और विनोद डीएलएफ फेस-3 गुरुग्राम का रहने वाला है। इंदिरापुरम थाने में विनोद पर दर्ज धोखाधड़ी के मामले को खत्म कराने के लिए अनिल कटियाल ने कृष्ण कुमार शर्मा व नीरज राठौर पर दबाव बनाया था।

1979 में उसने यूपीएससी की परीक्षा दी जिसमें वह असफल
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार पी. ने बताया कि अनिल कटियाल के पिता चेतराम कटियाल आईआरएस अधिकारी रहे हैं। उसकी शुरुआती पढ़ाई सेंट कोलंबस व सेंटर स्टीफंस में हुई है। 1979 में उसने यूपीएससी की परीक्षा दी थी, जिसमें वह असफल रहा। तभी वह पीएचडी करने के लिए यूएसए की येल यूनिवर्सिटी चला गया। वहां से वह अगले साल लौट आया और हिंदुस्तान लीवर में प्रबंधक के पद पर नौकरी शुरू की।

करा लिए कई बड़े काम
पुलिस की जांच में पता चला कि नामी कंपनी के लिए उसने अधिकारी पर दबाव बनाकर बार का लाइसेंस जारी करा लिया। उसने आरटीओ व आबकारी विभाग में कई बड़े काम खुद को रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बताकर करा लिए। विदेश मंत्री को अपना सहपाठी बताकर उसने वहां भी अधिकारियों से नजदीकी बनानी शुरू की।

जांच में सामने आया
जांच में सामने आया है कि विनोद कपूर कंसट्रक्शन कारोबारी है। कई एयरपोर्ट के निर्माण में भी उसने काम किया। विनोद से अनिल की मुलाकात गुरविंदर के माध्यम से हुई थी। गुरविंदर दुबई में ट्रेडिंग का काम करता है। उसी के जरियेे वह दुबई के अरबपति रियल स्टेट कारोबारी राज साहनी के संपर्क में आ गए। राज साहनी व उसके बेटे 100 मिलियन यूएआई मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में फंंसे हुए हैं। उनको भारत लाने मेें अनिल कटियाल प्रयासरत था। राज साहनी वरिष्ठ कांग्रेसी नेता की पूर्व पत्नी का रिश्तेदार है।

आत्मविश्वास देख अधिकारियों को हुआ विश्वास
हाय...निमिष कैसे हैं? मैं 1969 बैच का मणिपुर कैडर का आईपीएस अधिकारी अनिल कटियाल हूं। वर्तमान में गृह मंत्रालय में सलाहकार हूं। इंदिरापुरम पुलिस बड़ा परेशान कर रही है। हमारे मित्र विनोद कपूर को धोखाधड़ी के मामले में गलत तरीके से गिरफ्तार कर लिया गया। इसी आत्मविश्वास के साथ वह अधिकारियों से बात करता था। 

इसलिए गहराया शक
पुलिस आयुक्त अजय मिश्र से फर्जी आईपीएस अनिल कटियाल मुलाकात करने पहुंचा। पुलिस आयुक्त ने भी उसे वरिष्ठ अधिकारी समझकर सम्मान दिया। जब वह जाने लगा तो उसने पुलिस आयुक्त के साथ फोटो खिंचवाने के लिए कहा। इसके बाद उनको शक हो गया। पुलिस आयुक्त कार्यालय से जब अनिल कटियाल को फोन किया गया और बैच आदि के बारे में पूछा गया तो कभी खुद को 10 साल पहले रिटायर्ड बताया तो कभी 20 साल बाद नौकरी छोड़ने की बात कहने लगा। तब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
 

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