बड़ी खबर : ईडी ने वीवो मोबाइल की जांच की शुरू, एजेंसी ने यमुना अथॉरिटी से मांगे महत्वपूर्ण दस्तावेज

UPT | ईडी ने वीवो मोबाइल की जांच की शुरू

Jun 13, 2024 15:09

चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी विवो की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन के आरोप में वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जांच शुरू कर दी है...

Noida News : चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी विवो की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन के आरोप में वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय की टीम यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) के मुख्यालय पहुंची और कंपनी से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की मांग की गई।

प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज हुआ मामला
जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने वीवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड और अन्य कंपनियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। जांच के दौरान पता चला है कि विवो मोबाइल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में अपना कारोबार संचालित कर रही है और वहां की जमीन की भी मालिक है। इसी वजह से प्रवर्तन निदेशालय ने यीडा से विवो की संपत्तियों से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की मांग की है।

देश के लोकप्रिय स्मार्टफोन ब्रांडों में से एक विवो
प्रवर्तन निदेशालय ने YEIDA से रजिस्ट्री डीड, सेल डीड, लीज डीड, संपत्ति के मालिक का विवरण, लीज/सबलीज समझौतों की प्रतियां, क्षेत्र का सर्किल रेट और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज मांगे हैं। साथ ही YEIDA से यह भी कहा गया है कि विवो द्वारा रखी गई संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय की पूर्व अनुमति के बिना किसी भी तरह से नहीं बेचा या हटाया जाएगा। धनशोधन के इस आरोप ने विवो की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है, क्योंकि पहले से ही कंपनी भारत में आयातित मोबाइल फोन पर लगने वाले उच्च शुल्क से जूझ रही थी। विवो देश के सबसे लोकप्रिय स्मार्टफोन ब्रांडों में से एक है और भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल मांग को पूरा करने की कोशिश करता रहा है।

हालांकि अभी जांच का यह पहला ही चरण है, लेकिन दस्तावेजों से इस बात का खुलासा हो सकता है कि क्या विवो ने कहीं से अवैध तरीके से धन प्राप्त किया है या नहीं। अगर ऐसा पाया गया तो कंपनी को भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। इस मामले ने चीनी निवेश और भारत की आर्थिक सुरक्षा को लेकर उठने वाले सवालों पर भी एक बार फिर से विचार करने को मजबूर किया है। केंद्र सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है और चीनी निवेश पर नजर रखे हुए है। इसी कड़ी में सरकार ने अप्रैल में विवो और अन्य चीनी हैंडसेट निर्माताओं पर आयात शुल्क भी बढ़ा दिया था।

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