ईडी ने नोएडा में फर्जीवाड़े का किया पर्दाफाश : हैसिंडा प्रोजेक्ट्स की 75 करोड़ की संपत्तियां जब्त, हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई

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Jan 10, 2025 10:36

हैसिंडा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और उसकी पांच सहयोगी कंपनियों की 75 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त कर लीं। जब्त की गई संपत्तियों में कृषि भूमि, निर्माणाधीन फ्लैट...

Noida News : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की लखनऊ जोनल टीम ने गुरुवार को नोएडा में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर करते हुए हैसिंडा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और उसकी पांच सहयोगी कंपनियों की 75 करोड़ से अधिक की संपत्तियां जब्त कर लीं। जब्त की गई संपत्तियों में कृषि भूमि, निर्माणाधीन फ्लैट और कॉमर्शियल कार्यालय शामिल हैं। यह कार्रवाई नोएडा, अंबाला और मोहाली में की गई।  

फर्जीवाड़े की संपत्तियों की सूची
ईडी ने जांच में पाया कि थ्रीसी प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और थ्रीसी इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर अंबाला और मोहाली में कृषि योग्य भूमि है। जिसकी कीमत करीब 75.16 करोड़ रुपये आंकी गई। इसके अलावा नोएडा में हैसिंडा इंफोसॉफ्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर जमीन, चैलेंजरज वेब सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और एकरेज प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर निर्माणाधीन फ्लैट और कॉमर्शियल कार्यालय जब्त किए गए।


लोटस-300 परियोजना में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश
ईडी की जांच के मुताबिक हैसिंडा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने नोएडा के सेक्टर-107 में लोटस-300 परियोजना के तहत 67,941 वर्ग मीटर जमीन पर निर्माण का दावा किया था। हालांकि, इस भूमि का एक बड़ा हिस्सा सस्ते दामों पर निदेशकों ने अपनी सहयोगी कंपनियों के नाम पर खरीदना दिखा दिया।  

प्राधिकरण को भारी वित्तीय नुकसान
इस फर्जीवाड़े के चलते नोएडा प्राधिकरण को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। परियोजना में धन की कमी होने के कारण इसे पूरा नहीं किया जा सका। कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। इसका असर न केवल निवेशकों पर पड़ा, बल्कि नोएडा प्राधिकरण को भी बकाया राशि की वसूली में परेशानियों का सामना करना पड़ा।  

हाईकोर्ट के आदेश पर शुरू हुई कार्रवाई
यह मामला वर्ष 2019 में हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया था। ईडी ने आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर हैसिंडा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और उसके प्रमोटरों के खिलाफ जांच शुरू की। एफआईआर में कंपनी पर निवेशकों के पैसे हड़पने और प्राधिकरण के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप था।  

निवेशकों और प्राधिकरण को नुकसान
इस घोटाले के कारण लोटस-300 परियोजना अधूरी रह गई। जिससे सैकड़ों निवेशक ठगे गए। साथ ही नोएडा प्राधिकरण को भी बकाया राशि की वसूली में भारी नुकसान हुआ। ईडी ने जब्त संपत्तियों की सूची जारी कर दी है और मामले की जांच जारी है।

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