Ghaziabad News : कृषि भूमि पर होगा आवासीय निर्माण तो कार्रवाई करेगा जीडीए

UPT | GDA Ghaziabad

Jan 10, 2025 09:09

कृषि भूमि के आवासीय प्रयोग को रोकने के लिए नवंबर माह में शासनादेश जारी हुआ था। जिसमें कहा गया कि कृषि भूमि पर निर्माण से पहले विकास प्राधिकरण...

Short Highlights
  • शहर में चल रही अवैध प्लाटिंग में अधिकतर में हो रही कृषि भूमि की रजिस्ट्री
  • कृषि भूमि पर होगा आवासीय निर्माण तो कार्रवाई करेगा जीडीए
  • जीडीए ने शुरू की कृषि भूमि पर आवासीय निर्माण को रोकने की तैयारी
Ghaziabad News : अवैध प्लाटिंग पर लगातार गाजियाबाद विकास प्राधिकरण सख्त होता जा रहा है। शहर के चारों ओर कृषि भूमि पर आवासीय बताकर बिल्डर प्लाटिंग कर रहे हैं। कृषि भूमि की रजिस्ट्री कराने पर उसका उपयोग सिर्फ कृषि कार्य के लिए ही किया जाएगा। मतलब की आपने अधिक दाम देकर भी अगर कृषि की भूमि का रजिस्ट्री कराया है और उसपर अपना मकान बनाना चाहते हैं। तो ऐसा नहीं हो सकता है। जीडीए के अधिकारी ऐसे निर्माणों की सूची तैयार करने में लगे हैं, जिनमें कृषि भूमि पर आवासीय या व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है।

कृषि भूमि पर प्लाट काटकर लोगों को बेचा जा रहा
जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि कई स्थानों पर कृषि भूमि पर प्लाट काटकर लोगों को बेचा जा रहा है। इसपर अधिकारी लगातार कार्रवाई भी कर रहे हैं। लेकिन कई स्थानों पर लोगों ने कृषि भूमि पर आवासीय व व्यावसायिक निर्माण भी करा लिया है। ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। कृषि भूमि का उपयोग सिर्फ कृषि कार्य के लिए किया जाएगा। उसपर आवास या दुकान का निर्माण करने से पहले एनओसी प्राप्त करना आवश्यक है।

किसानों से कम दाम पर जमीन लेकर बिल्डर प्लाटिंग कर रहे
मोदीनगर, मुरादनगर, लोनी और डासना में अधिक हो रही प्लाटिंग : शहर के आउटर इलाकों में किसानों से कम दाम पर जमीन लेकर बिल्डर प्लाटिंग कर रहे हैं, लेकिन जीडीए से उसका मानचित्र या कोई अनापत्ति प्रमाण लिये बिना ही उसको लोगों को बेच भी दे रहे हैं। ऐसे में लोगों को भी कृषि भूमि ही बेची जा रही है। जिसपर सिर्फ कृषि का कार्य ही हो सकता है। मोदीनगर, मुरादनगर, लोनी और डासना समेत अन्य इलाकों में प्लाट काटकर लोगों को बेचा जा रहा है। ऐसे में किसानों के साथ ही लोगों की गाढ़ी कमाई बिल्डर और प्लाटर गायब कर रहे हैं।

नवंबर में जारी हुआ शासनादेश 
कृषि भूमि के आवासीय प्रयोग को रोकने के लिए नवंबर माह में शासनादेश जारी हुआ था। जिसमें कहा गया कि कृषि भूमि पर निर्माण से पहले विकास प्राधिकरण और विशेष विकास क्षेत्र के तहत स्थित कृषि भूमि का उपयोग अगर खेती की जगह किसी अन्य कार्य के लिए किया जा रहा है तो इसके लिए पहले अनुमति लेना आवश्यक होगा। प्राधिकरण ने ये फैसला खेती की जमीन पर तेजी से हो अवैध आवासीय और व्यवसायिक निर्माण को देखते हुए लिया है।
 

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