ग्रेटर नोएडा में किसानों की महापंचायत : राकेश टिकैत ने कहा- हमें डरने की कोई जरूरत नहीं, 7 जनवरी को अधिकारियों से होगी वार्ता

UPT | किसानों की महापंचायत

Dec 30, 2024 18:51

सोमवार को ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर गौतमबुद्ध नगर संयुक्त मोर्चे की महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसान पहुंचे।

Greater Noida News : सोमवार को ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर गौतमबुद्ध नगर संयुक्त मोर्चे की महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। इस महापंचायत की अध्यक्षता महरो देवी और संचालन का जिम्मा राजीव मलिक, कृष्णा नागर और बॉबी नागर ने संभाला। महापंचायत सुबह 10:00 बजे से शुरू हुई, और देखते ही देखते किसान यहां जुटने लगे, जिससे प्रशासन की नींद उड़ गई। प्रशासन ने भारी पुलिस बल और अधिकारियों को मौके पर भेजा।

राकेश टिकैत ने जताई चिंता, कहा- हमें डरने की कोई जरूरत नहीं
महापंचायत स्थल पर भारतीय किसान यूनियन के मेरठ मंडल से आने वाले कुछ किसानों को पुलिस ने टोल प्लाजा पर रोक लिया। इस रोक के विरोध में किसानों ने वहीं धरना देना शुरू कर दिया। लगभग दोपहर 2:00 बजे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत महापंचायत स्थल पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से धरना देना चाहिए। राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि पुलिस और शासन तानाशाही तरीके से किसानों को जेल भेजने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमें डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, "किसान संगठनों को मजबूत करना चाहिए और शांतिपूर्ण धरने को जारी रखना चाहिए।"



महापंचायत में किसानों की मुख्य मांगें
राकेश टिकैत ने यह भी बताया कि संयुक्त मोर्चे के जिन किसानों को जेल में बंद किया गया है, उन्हें बिना शर्त रिहा किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसानों की मांगें पूरी तरह से जायज हैं और जब तक किसानों को आबादी निस्तारण, 2013 भूमि अधिग्रहण बिल और 10% प्लॉट नहीं मिलेगा, तब तक किसान धरना देते रहेंगे।

7 जनवरी को होगी महत्वपूर्ण बैठक
महापंचायत में एडीएम फाइनेंस अतुल कुमार, तीनों प्राधिकरण के ओएसडी और पुलिस विभाग के एडीसीपी अशोक कुमार सहित अन्य अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ किसानों से वार्ता करने पहुंचे। अधिकारियों ने किसानों को आश्वासन दिया कि 7 जनवरी को कमिश्नर, जिला अधिकारी और तीनों प्राधिकरण के सीईओ के साथ बैठक होगी, जिसमें सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और समाधान निकाला जाएगा। अधिकारियों ने यह भी वादा किया कि उच्च अधिकारियों से बातचीत के बाद जेल में बंद किसानों को रिहा किया जाएगा और अंसल बिल्डर को विकास कार्य रोकने के लिए कहा जाएगा। इसके अतिरिक्त, बिना किसानों की सहमति के किसी भी निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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