यूपी-उत्तराखंड की दूरी होगी कम : ग्रेटर नोएडा से देहरादून तक बनेगा अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेसवे

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Jan 02, 2025 19:22

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच यातायात को और तेज और बेहतर बनाने के लिए अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेसवे परियोजना का पुनः आगाज किया गया है। यह परियोजना पहले 2013 में शुरू की गई थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के कारण इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब इसे फिर से गति मिलने जा रही है।

Short Highlights
  • अपर गंगा कैनाल एक्‍सप्रेसवे का काम फिर से शुरू होगा
  • दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी होगी मजबूत
  • 8700 करोड़ रुपये का होगा बजट
     
Noida News : उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच यातायात को और तेज और बेहतर बनाने के लिए अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेसवे परियोजना का पुनः आगाज किया गया है। यह परियोजना पहले 2013 में शुरू की गई थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के कारण इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब इसे फिर से गति मिलने जा रही है, जिसका उद्देश्य ग्रेटर नोएडा से देहरादून के बीच यातायात को आसान और सुविधाजनक बनाना है। यह एक्सप्रेसवे भारत के प्रमुख एक्सप्रेसवे नेटवर्क का हिस्सा बनेगा और दोनों राज्यों के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा।

8700 करोड़ रुपये का होगा बजट
अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 2013 में शुरू किया गया था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद यह परियोजना ठंडे बस्ते में चली गई थी। अब फिर से इस पर काम शुरू होने जा रहा है और इसके लिए 8700 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। आठ लेन का यह एक्सप्रेसवे 147.8 किलोमीटर लंबा होगा और ग्रेटर नोएडा से शुरू होकर मेरठ, मुजफ्फरनगर, देवबंद होते हुए देहरादून के पुरकाजी तक जाएगा।


महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर और देवबंद जैसे प्रमुख शहरों को जोड़ने में मदद करेगा। इससे इन शहरों के बीच यात्रा का समय कम होगा, जिससे औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय विकास को बढ़ावा मिलेगा। एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच यातायात की सुविधा बेहतर होगी, जिससे दोनों राज्यों की आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।

आठ लेन का एक्सप्रेसवे, 147.8 किमी लंबाई 
इस आठ लेन के एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 147.8 किलोमीटर होगी। इस परियोजना के तहत छह प्रमुख स्थानों पर लैंड पार्सल विकसित किए जाएंगे, जो लॉजिस्टिक सेवाओं को गति देंगे और क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेंगे। साथ ही, एक्सप्रेसवे के आसपास पर्यटन विकास की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे। नहर, वाटर स्पोट्र्स और नेविगेशन सुविधाओं के साथ-साथ, सात स्थानों पर पनबिजली स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे, जो बिजली उत्पादन में मदद करेंगे।

इस एक्सप्रेसवे से बनेंगे कई लिंक एक्सप्रेसवे 
इस परियोजना में कई लिंक एक्सप्रेसवे भी बनाए जाएंगे, जिनसे यात्रा को और भी सुविधाजनक बनाया जाएगा। दक्षिण-पश्चिम मेरठ को जोड़ने वाला लिंक एक्सप्रेसवे 23.5 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे मेरठ एयरपोर्ट और प्रस्तावित डीएफसी टर्मिनल से जुड़ेगा। पुरकाजी से देवबंद तक लिंक एक्सप्रेसवे लिंक की लंबाई 16.5 किलोमीटर होगी। एनएच 24 के पास डासना फॉल से लिंक एक्सप्रेसवे लिंक 3.5 किलोमीटर लंबा होगा। अन्य फ्यूचर लिंक के तहत इस एक्सप्रेसवे के तहत कुल 25 किलोमीटर लंबे अतिरिक्त लिंक बनेंगे, जो यात्रा की सुविधा को और बढ़ाएंगे।

यूपी और उत्तराखंड के बीच बढ़ेगा व्यापार 
अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच बेहतर सड़क संपर्क को सुनिश्चित करेगा, जिससे दोनों राज्यों के बीच व्यापार और आवागमन की गति बढ़ेगी। इस परियोजना से स्थानीय नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उद्योगों के लिए कच्चे माल और उत्पादों की आपूर्ति में आसानी होगी। एक्सप्रेसवे का पूरा होने पर यह उत्तर भारत के प्रमुख एक्सप्रेसवे नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण जोड़ बन जाएगा।

दोनों राज्यों में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा 
अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेसवे का पुनर्निर्माण एक अहम कदम है, जो केवल यातायात की सुगमता को ही बढ़ावा नहीं देगा, बल्कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके जरिए बड़े पैमाने पर आर्थिक विकास, पर्यटन और पर्यावरणीय सुधार संभव होंगे, जिससे यह परियोजना आने वाले वर्षों में दोनों राज्यों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

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