नोएडा की शतरंज चैंपियन वंतिका हुईं अर्जुन अवार्डी : इस खेल में पुरस्कार पाने वाली देश की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं

UPT | अर्जुन अवार्ड विजेता वंतिका अग्रवाल

Jan 02, 2025 18:45

नोएडा की शतरंज चैंपियन वंतिका अग्रवाल को शतरंज में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह इस खेल में अर्जुन अवार्डी बनने वाली देश की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गई हैं...

Noida News : नोएडा की शतरंज चैंपियन वंतिका अग्रवाल को शतरंज में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह इस खेल में अर्जुन अवार्डी बनने वाली देश की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बन गई हैं। वंतिका ने 14 वर्ष की आयु में ही शतरंज की दुनिया में अपनी पहचान बना ली थी और अब उन्हें उनके सामर्थ्य और मेहनत के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल रहा है।

शतरंज के खेल में जीता अर्जुन अवार्ड
वंतिका की शतरंज की यात्रा बहुत ही प्रेरणादायक रही है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सफलता हासिल की है। इस पुरस्कार से उनकी प्रेरक यात्रा को एक नया मुकाम मिला है। अर्जुन पुरस्कार शारीरिक खेलों के अलावा मानसिक खेलों के लिए भी दिया जाता है और वंतिका ने इसे शतरंज के क्षेत्र में जीता है जो इस खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।



राष्ट्रीय बाल पुरस्कार भी कर चुकी हैं अपने नाम
वंतिका के लिए यह एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि इससे पहले वह राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुकी हैं जो उनकी शानदार शतरंज की क्षमताओं का प्रमाण है। उनका यह पुरस्कार न केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह उन सभी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी है जो शतरंज जैसे मानसिक खेल में उत्कृष्टता हासिल करना चाहते हैं।

सफलता के लिए धैर्य, समर्पण और अभ्यास जरूरी
वंतिका अग्रवाल ने अपनी शतरंज यात्रा में कई उल्लेखनीय जीतें दर्ज की हैं। उन्होंने भारतीय शतरंज चैंपियनशिप और अन्य अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।। जिससे उन्हें एक नयी पहचान मिली। वंतिका का मानना है कि शतरंज की दुनिया में सफलता पाने के लिए धैर्य, समर्पण और निरंतर अभ्यास जरूरी है।

यह बोलीं वंतिका
अर्जुन पुरस्कार लिस्ट में नाम आने के बाद वंतिका ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह पुरस्कार मेरे लिए एक बड़ा सम्मान है और यह मेरे परिवार, कोच और सभी समर्थकों की मेहनत का परिणाम है। मैं इसे और भी बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा के रूप में देखती हूं। वंतिका की यह उपलब्धि साबित करती है।

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