DND फ्लाईवे के बाद NTBCL को बड़ा झटका : नोएडा प्राधिकरण वापस लेगा 330 एकड़ जमीन, जल्दी कराया जाएगा सर्वे

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Dec 22, 2024 12:21

सुप्रीम कोर्ट के टोल मुक्त आदेश के बाद अब नोएडा प्राधिकरण कंपनी से 330 एकड़ खाली जमीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।

Noida News : डीएनडी फ्लाईवे का संचालन करने वाली नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड (NTBCL) को एक और बड़ा झटका लगने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के टोल मुक्त आदेश के बाद अब नोएडा प्राधिकरण कंपनी से 330 एकड़ खाली जमीन को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इस जमीन की अनुमानित कीमत अरबों रुपये बताई जा रही है।

खाली जमीन का सर्वे कराएगा प्राधिकरण
नोएडा प्राधिकरण ने वर्ष 1997 में दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट (डीएनडी) फ्लाईवे के निर्माण के लिए NTBCL को 454 एकड़ जमीन दी थी। इस जमीन में से 124 एकड़ का उपयोग फ्लाईवे और अन्य निर्माण कार्यों में हो चुका है। बाकी बची 330 एकड़ जमीन अब खाली पड़ी है। अधिकारियों के अनुसार, जमीन का सटीक आकलन करने और खाली पड़ी जमीन की पुष्टि के लिए प्राधिकरण दोबारा सर्वे कराने की तैयारी कर रहा है।

जमीन वापस लेने की योजना
नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि खाली पड़ी जमीन का बेहतर उपयोग करने के लिए इसे जल्द से जल्द अपने कब्जे में लिया जाएगा। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। 12 नवंबर 1997 को हुए अनुबंध के तहत प्राधिकरण ने यह जमीन अलग-अलग चरणों में NTBCL को दी थी। इस जमीन में डूब क्षेत्र और अन्य प्रकार की भूमि भी शामिल है, जो दिल्ली सरकार, सिंचाई विभाग और अन्य विभागों द्वारा उपलब्ध कराई गई थी। डीएनडी फ्लाईवे का उद्घाटन 7 फरवरी 2001 को किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए डीएनडी फ्लाईवे को टोल मुक्त करने का आदेश दिया। इससे पहले 2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इसी तरह का फैसला सुनाया था। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के विस्तृत आदेश का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। अधिकारियों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सीधा असर खाली पड़ी जमीन पर भी पड़ेगा।



सीएजी ने जताई थी आपत्ति
कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) ने 2017 तक किए गए ऑडिट में नोएडा प्राधिकरण को दी गई जमीन और खाली पड़ी जमीन पर सवाल उठाए थे। सीएजी ने रिपोर्ट में पूछा था कि इतनी कीमती जमीन खाली रहने के बावजूद प्राधिकरण ने इसे वापस लेने में देरी क्यों की। इस पर नोएडा प्राधिकरण ने जवाब दिया था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

पहले भी उठ चुका है मामला
2016 में नोएडा प्राधिकरण ने खाली जमीन को वापस लेने के लिए सर्वे रिपोर्ट तैयार की थी। हालांकि, उस समय रिपोर्ट में कई खामियां थीं, जिसके कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई। 2017 में जमीन वापस लेने का प्रस्ताव पास किया गया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के इंतजार में इसे अमल में नहीं लाया गया। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा प्राधिकरण ने जमीन वापस लेने की प्रक्रिया तेज कर दी है। जमीन वापस लेने के बाद प्राधिकरण इसके उपयोग के लिए नई योजना तैयार करेगा।

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