ग्रेटर नोएडा में दो बिल्डरों के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई : यमुना प्राधिकरण कर सकता है सुपरटेक और एटीएस के प्लॉट का आवंटन रद्द

UPT | यमुना प्राधिकरण कार्यालय

Jun 17, 2024 21:56

अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के तहत तय समय पर 25 फीसदी राशि जमा नहीं करने वाले सुपरटेक और एटीएस बिल्डर के प्लॉट का आवंटन निरस्त करने के प्रस्ताव पर बोर्ड बैठक में फैसला हो सकता है...

Greater Noida News : अमिताभकांत समिति की सिफारिशों के तहत तय समय पर 25 फीसदी राशि जमा नहीं करने वाले सुपरटेक और एटीएस बिल्डर के प्लॉट का आवंटन निरस्त करने के प्रस्ताव पर बोर्ड बैठक में फैसला हो सकता है। 21 जून को होने वाली यमुना प्राधिकरण (यीडा) की बोर्ड बैठक में इस पर चर्चा होगी। बैठक को ध्यान में रखते हुए यीडा ने क्षेत्र की बिल्डर परियोजनाओं को लेकर रिपोर्ट तैयार कर ली है।

यमुना प्राधिकरण में क्षेत्र में कुल 9 बिल्डर परियोजना
यमुना प्राधिकरण में क्षेत्र में कुल 9 बिल्डर परियोजना हैं। इनमें से पांच बिल्डरों ने योजना के तहत लाभ लेकर प्राधिकरण का बकाया देने और प्रोजेक्ट पूरे कर रजिस्ट्री शुरू कराने की रुचि दिखाई थी। जिसके बाद पैसा जमा कराने वाले बिल्डरों में ग्रीनवे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कुल 441.17 करोड़ बकाये का 25 प्रतिशत 110.29 करोड़ जमा करा दिया है। ओमनीस प्राइवेट लिमिटेड ने भी अंकित धनराशि का 38.15 करोड़ का 25 प्रतिशत 9.54 करोड़ जमा कर दिया है। इसके अलावा लॉजिक्स बिल्डस्टेट ने भी 57 करोड़ का बकाया चुका दिया है। 

सुपरटेक और एटीएस ने नही चुकाया योजना का 25 प्रतिशत
एटीएस रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड और सुपरटेक टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड ने ना तो पैसा जमा कराया हैं और न ही प्राधिकरण द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब दिया है। यह दोनों प्रोजेक्ट सेक्टर-22डी में है। एटीएस रियल्टी पर प्राधिकरण का कुल 531.37 करोड़ रुपये बकाया हैं। जिसके 25 प्रतिशत के रूप में 136.77 करोड़ चुकाना है। वहीं, सुपरटेक पर 549 करोड़ रुपये बकाया हैं, जिसके सापेक्ष 128.68 करोड़ जमा करने है। यीडा के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह के अनुसार, अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों के तहत प्राधिकरण की नौ बिल्डर परियोजनाओं पर 4030 करोड़ बकाया था।

सीईओ ने बैठक कर ली जानकारी
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बिल्डरों के साथ बैठक की। उन्होंने जानने का प्रयास किया कि पैसे जमा कराने के बावजूद रजिस्ट्री क्यों नहीं हो पा रही है। बिल्डरों का कहना है कि कई खरीदारों ने अपने फ्लैट किराए पर दे रखे हैं और रजिस्ट्री के लिए उन्हें अंतिम बकाया भी जमा कराना होगा। जो 5 से 20 लाख रुपये तक हो सकता है। संभव है कि उनके पास फंड की कमी हो और वे बाद में रजिस्ट्री कराना चाहते हों। इसलिए देरी कर रहें हों। इस तरह की दिक्कत आईटीएस निंबस, एक्सप्रेस जेनिथ, ग्रेट वैल्यू सहित कई बिल्डरों के साथ आ रही है।

2023 में हुआ था अमिताभ कांत समिति का गठन
नोएडा समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक समिति का गठन 2023 को किया गया था। समिति में उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के टॉप ब्यूरोक्रेट्स शामिल थे। इस कमेटी को दिल्ली-एनसीआर में अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा करने का रास्ता बताने का जिम्मा दिया गया था। इस कमेटी ने बिल्डर्स से लेकर बायर्स तक की समस्याओं और हर पहलुओं का बारीकी से अध्ययन किया। इसके बाद 24 जुलाई 2023 को अपनी रिपोर्ट सबमिट की। सरकार ने उस रिपोर्ट को गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों को भेजा था। अधिकारियों के मुताबिक, सरकार ने समिति की करीब आधी सिफारिशों को कुछ बदलाव के साथ लागू करने का निर्णय लिया है।

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